एक साथ चुनाव कराने का विचार ठन्डे बस्ते में डाला
एक साथ चुनाव कराने का विचार ठन्डे बस्ते में डाला
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इसे राजग सदस्य दलों में उठ रहे विरोध का असर कहें या सभी राजनीतिक दलों द्वारा इस मामले में मतभेद होने के साथ ही अन्य संवैधानिक बाधाओं को देखते हुए अब पीएम मोदी ने लोक सभा और विधान सभाओं के चुनाव एक साथ कराने का विचार त्याग दिया है.

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने देश में बार -बार होते चुनावों में होने वाले खर्च और समय को देखकर राष्ट्र हित में विधान सभा और लोक सभा के चुनाव एक साथ कराने का सुझाव दिया था. इसके लिए प्रयास भी किये गए लेकिन अन्य राजनीतिक दलों और राजग सदस्य दलों का भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने के कारण यह विचार छोड़ना पड़ा.दूसरा कारण यह रहा कि संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत के बिना चुनाव संबंधी संविधान में संशोधन नहीं किये जा सकने के कारण भी इस प्रस्ताव को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

लेकिन भाजपा का अब भी कहना है कि इस प्रस्ताव को कुछ समय के लिए टाला गया है. अगर पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा सत्ता में आ जाती है तो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुन: प्रयास शुरू किये जाएंगे. अब यह मामला दूर की कौड़ी बन गया है. 2019 के चुनाव नतीजों पर अब यह मामला निर्भर हो गया है. अगर राजग की वापसी हो गई तो एक बार सम्भावना बन सकती है,अन्यथा कांग्रेस या त्रिशंकु लोक सभा बनने पर यह विचार लम्बे समय के लिए लटक जाएगा.

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