पति-पत्नी को हमेशा साथ ही रहकर करना चाहिए ये काम
पति-पत्नी को हमेशा साथ ही रहकर करना चाहिए ये काम
Share:

प्राचीन काल से ही हमारा देश धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है, यहां कई मंदिर व तीर्थ स्थल है, जो व्यक्ति को आस्था से जोड़ते है और सभी तीर्थ स्थल व मंदिरों के दर्शन करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है. किन्तु शास्त्रों के अनुसार यदि पति-पत्नी साथ में मिलकर किसी तीर्थ स्थल के दर्शन करते है, तो इसका पुण्य कई जन्मों तक उनके साथ रहता है. आइये जानते है, कि पति-पत्नी का एक साथ मिलकर तीर्थ दर्शन करने व मंदिर में पूजा करने का क्या महत्व है?

शास्त्रों में पति-पत्नी को एक दूसरे का पूरक माना गया है, यदि ये दोनों साथ में मिलकर पूजा, दर्शन आदि करते है, तो इससे प्राप्त पुण्य कई गुना बढ़ जाता है और पूजा पूर्ण मानी जाती है. शास्त्रों में कहा गया है, कि बिना पत्नी के पति अपूर्ण होता है और बिना पति के पत्नी अपूर्ण होती है. दोनों एक साथ मिलकर ही पूर्ण होते है इसी कारण से पत्नी को अर्द्धांगनी कहा जाता है. और यही वजह है कि पूजा आदि सभी धार्मिक कर्म काण्डों में दोनों का साथ रहना अनिवार्य होता है.

यदि पति-पत्नी एक साथ मिलकर किसी तीर्थ स्थल पर दर्शन करने जाते है, तो इसका पुण्य एक साथ प्राप्त होता है. तथा दोनों के प्रेम में भी वृद्धि होती है. शास्त्रों में स्त्री को शक्ति का स्वरुप माना गया है जो पुरुष को पूर्ण करती है तथा पुरुष के जीवन में स्त्री उसकी शक्ति होती है, इसी वजह से दोनों का धार्मिक क्रिया कलापों में होना अनिवार्य माना जाता है नहीं तो वह धार्मिक कार्य अपूर्ण माना जाता है.

नवरात्रि 2018: नवरात्रि पर कलश स्थापना के समय रखें इन बातों का ध्यान

मथुरा का यह मंदिर जो शादी में आ रही बाधा को करता है ख़त्म

नवरात्रि 2018: नौ दिनों तक जरा विराम दें इन कामों को वरना..

रणजीत सिंह द्वारा निर्मित यह मंदिर सभी गुप्त रोगों से मुक्ति दिलाता है

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -