होली की सुन्दर कविताएं
होली की सुन्दर कविताएं
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1. नोमू का मुंह पुता लाल से, सोमू की पीली गुलाल से,
कुर्ता भीगा राम रतन का,
रम्मी के हैं गीले बाल, मुट्ठी में है लाल गुलाल.
 
चुनियां को मुनियां ने पकड़ा, नीला रंग गालों पर चुपड़ा,
इतना रगड़ा जोर-जोर से,
फूल गए हैं दोनों गाल, मुट्ठी में है लाल गुलाल.
 
लल्लू पीला रंग ले आया, कल्लू ने भी हरा रंग उड़ाया,
रंग लगाया एक-दूजे को, 
लड़े-भिड़े थे परकी साल, मुट्ठी में है लाल गुलाल.
 
कुछ के हाथों में पिचकारी, गुब्बारों की मारा-मारी,
रंग-बिरंगे सबके कपड़े,
रंग-रंगीले सबके भाल, मुट्ठी में है लाल गुलाल.
 
इन्द्रधनुष धरती पर उतरा, रंगा, रंग से कतरा-कतरा,
नाच रहे हैं सब मस्ती में,
बहुत मजा आया इस साल, मुट्ठी में है लाल गुलाल.

 

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