कोलकाता हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला- 35 हफ्ते की प्रेग्नेंट महिला को दी ये अनुमति
कोलकाता हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला- 35 हफ्ते की प्रेग्नेंट महिला को दी ये अनुमति
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कोलकाता: गर्भपात से जुड़े एक मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने गर्भावस्था के 35वें हफ्ते में 36 वर्षीय प्रेग्नेंट महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है. देश में ऐसा पहली दफा हुआ है, जब किसी कोर्ट ने 35 हफ्ते की प्रेगनेंसी को खत्म करने की मंजूरी दी है. 

अदालत ने गुरुवार को इस मामले में फैसला दिया है. गर्भपात के लिए महिला और उसके पति द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. जस्टिस राजशेखर मथा के नेतृत्व वाली बेंच ने अपने आदेश में कहा कि महिला राज्य सरकार के द्वारा संचालित SSKM अस्पताल के डॉक्टरों की टीम से गर्भपात करा सकती है. मगर गर्भपात के दौरान होने वाली किसी भी जटिलता (Complication) की जिम्मेदारी उसकी (महिला और परिवार) ही होगी.

इस मामले पर अदालत ने SSKM हॉस्पिटल के डॉक्टरों की एक टीम का गठन किया था. टीम ने महिला का टेस्ट कर कोर्ट के सामने मेडिकल रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि किसी भी स्थिति में बच्चे की सामान्य डिलिवरी नहीं कराई जा सकती. मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि किसी प्रकार यह बच्चा जन्म ले भी लेता है, तो वह सामान्य जिंदगी नहीं जी सकेगा. जिसके बाद हाई कोर्ट ने महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी.

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