बेंगलुरू : कर्नाटक सरकार द्वारा टीपू सुल्तान की जयंती मनाई जा रही है लेकिन हिंदूवादी संगठनों द्वारा इसका जमकर विरोध किया जा रहा है। जयंती के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। इससे माहौल गहमागहमीभरा हो गया। विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक सचिव कुटप्पा की मौत इस झड़प के दौरान हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने विहिप कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में राज्य में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा भी की है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को विश्व हिंदू परिषद के नेता कुटप्पा की मौत के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। आंदोलनकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस तरह की परिस्थितियां पैदा की जिससे विहिप कार्यकर्ता की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने एक ट्विट में यह कहा गया कि टीपू सुल्तान की जयंती का विरोध का आधार पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह एक अत्याचारी शासक था और वह कई हिंदूओं की हत्या के लिए जिम्मेदार था। भाजपा और विहिप के प्रदर्शनकारियों ने पीले ध्वज दिखाकर अपना विरोध किया। टीपू सुल्तान की जयंती मनाए जाने को लेकर कर्नाटक सरकार द्वारा निर्णय लिया गया। सरकार के निर्णय के बाद दक्षिणपंथी गुट ने अपना विरोध जताया।
वीएचपी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अन्य हिंदुवादी संगठनों द्वारा टीपू सुल्तान को असहिष्णु शासक बताते हुए जयंती मनाने का विरोध किया और प्रदर्शन कर जयंती के आयोजन को न होने देने की अपील की। हालांकि प्रदर्शन के दौरान पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया।