HP Budget 2020: कर्मियों-पेंशनरों से अधिक विकास पर होगी नजर
HP Budget 2020: कर्मियों-पेंशनरों से अधिक विकास पर होगी नजर
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सीएम जयराम ठाकुर ने अपने तीसरे बजट में नया प्रयोग किया है। इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों, पेंशनरों, ब्याज अदायगी, ऋण अदायगी आदि पर खर्च होने वाले बजट को घटा दिया। वहीं इस बार विकास पर खर्च किए जाने वाले बजट को बढ़ा दिया है।वहीं ऐसा सीएम जयराम ठाकुर इसलिए कर पाए हैं कि उनके सामने पिछले बजट की तरह इस बार कोई चुनावी चुनौती नहीं है। इसके साथ ही राजस्व घाटे की पूर्ति को भी पंद्रहवें वित्तायोग ने इस बार अच्छी-खासी ग्रांट दी है। वहीं इससे इस घाटे को भी आश्चर्यजनक तरीके से कम किया है।यदि चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट से तुलना करें तो 100 रुपये अगर कुल बजट माना जाए तो कर्मचारियों के वेतन का खर्च 27.84 रुपये था, शुक्रवार को पेश अगले बजट में इसे घटाकर 26.66 रुपये किया गया। इसके साथ ही पेंशन पर पिछला खर्चा 15 रुपये था, यह घटकर 14.79 करोड़ रुपये कर दिया। ब्याज अदायगी 10.25 रुपये थी जो अब 10.04 रुपये कर दी। इसके साथ ही ऋण अदायगी पर खर्चा 7.35 रुपये से घटाकर 7.29 रुपये कर दी।

इसके साथ ही विकास कार्यों का बजट पहले 39.56 रुपये था, इसे बढ़ाकर 41.22 रुपये कैर दिया। नौकरियां देने का आंकड़ा वही है जो बीते बजट में था। कर्मचारियों-पेंशनरों पर इस बार भी प्रदेश के बजट का सर्वाधिक हिस्सा खर्च हो रहा है। इसके साथ ही कर्ज अदायगी, ब्याज देने पर भी काफी बजट जा रहा है, क्योंकि प्रदेश पर कर्ज 55000 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुका है। वहीं सरकार ने इस बार भी विभागों में सबसे ज्यादा बजट शिक्षा महकमे के लिए रखा है। वहीं पिछली बार के बजट से इसमें छह फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही बजट में इस बार भी शिक्षा के अलावा स्वास्थ्य, सड़कें, पेयजल, खेती-बाड़ी आदि प्राथमिकता में हैं। फिलहाल , कर्र्मचारियों, पेंशनरों, अस्थायी कर्मियों, कामगारों आदि के कुछ वर्गों को यह बजट उनके मनमाफि क नहीं छू पाया है, लेकिन सरकार के पास ऐसा करने के अलावा कोई चारा नजर नहीं आया है। इसके बावजूद सरकार का बजट व्यय अगली बार के लिए दस फीसदी और बढ़ गया है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक यह और बढ़ेगा। 

हिमाचल की तमाम सरकारों पर हर बार ऋण लेकर घी पिलाने के आरोप लगते रहे हैं। इसके साथ ही खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सत्ता संभालते ही इस बारे में चिंता दिखा चुके हैं, मगर इस परंपरा को छोड़ने में वह भी अचानक जादू की छड़ी कैसे ला सकते हैं। हालांकि इसके लिए खर्चे घटाने और केंद्र से बीते वक्त से अच्छी ग्रांट प्राप्त करना कुछ सहायक रहा है। पिछले वित्तायोगों से पर्याप्त मदद न मिल पाने की शिकायत दर्ज करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए वर्ष 2020-21 के लिए 19,309 करोड़ रुपये की ग्रांट देने का केंद्र सरकार और इसके पंद्रहवें वित्तायोग का आभार भी जताया है। अर्थशास्त्र को जानने वाले नए मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची और नए प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना के प्रयासों से सीएम जयराम ठाकुर ने इस बार कुशल वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता बजट पेश किया है।

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