हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की राय अलग-अलग है। जी हाँ और आपको यह भी बता दें कि जस्टिस धूलिया और जस्टिस हेमंत गुप्ता दोनों की राय इस मामले पर बटी हुई है। हालाँकि कई दौर की सुनवाई के बाद आज जब फैसले की घड़ी आई तो जस्टिस धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला खारिज कर दिया, हालाँकि जस्टिस गुप्ता उस फैसले से इत्तेफाक रखते थे। इस वजह से अब हिजाब मामले को सीजेआई (CJI) को रेफर कर दिया है। आपको बता दें कि कर्नाटक से शुरू हुआ ये विवाद कई मोड़ ले चुका है और यह पहले हाईकोर्ट और आखिर में देश की सबसे बड़ी अदालत पहुंचा है।
इस समय देशभर के नेताओं की हिजाब मामले पर प्रतिक्रिया आ रही है। अब हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) की कैबिनेट के मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने हिजाब को लेकर बड़ा बयान दिया है। जी दरअसल सुप्रीम कोर्ट का अपडेट आने से पहले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने एक ट्वीट करते हुए हिजाब मामले पर लिखा, 'जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया। आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई। उनको सिर से लेकर पांव तक ढ़ाक दिया। यह सरासर नाइंसाफी है। पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें।'
वहीं इससे पहले जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच में 10 दिनों तक हिजाब विवाद पर जोरदार बहस चली। वहीं जिरह के दौरान मुस्लिम पक्ष ने जहां एक ओर हिजाब की तुलना पगड़ी और क्रॉस से की, तो जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस पर तीखी टिप्पणी की थी। आप सभी को यह भी बता दें कि दस दिन तक चली सुनवाई के बाद 22 सितंबर को पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालाँकि आज जजों की राय अलग-अलग होने पर मामले को सीजेआई के पास भेज दिया गया है।
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