क्या जम्मू कश्मीर के न्यायाधीश संविधान की निष्ठा की शपथ नहीं लेते
क्या जम्मू कश्मीर के न्यायाधीश संविधान की निष्ठा की शपथ नहीं लेते
Share:

नईदिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से सवाल किया है जिसमें उन्होंने सवाल किया कि आखिर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भारतीय संविधान को लेकर निष्ठा की शपथ लेते हैं या नहीं आखिर क्या संविधान के अनुच्छेद 370 के अंतर्गत राष्ट्रपति के आदेश के बगैर ही जम्मू - कश्मीर में संवैधानिक संशोधन लागू होता है और यदि ऐसा होता है तो फिर यह वहां के न्यायाधीशों हेतु संविधान के क्रियान्वयन को अनिवार्यग् नहीं बनाता।

गौरतलब है कि इस मामले में याचिकाकर्ता ने संविधान के आदेश 1954 को चुनौती देता है। संविधान के अनुच्छेद 368 के प्रावधान को जोड़ा गया है। जिसमें कहा गया कि इस तरह का कोई भी संशोधन जम्मू कश्मीर राज्य के मामले में यह प्रभावी नहीं होगा। इतना ही नहीं अनुच्छेद 370 के उपबंध 1 के अंतर्गत उसे राष्ट्रपति के आदेश से लागू न किए जाने की मांग की गई हैं।

इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने मांग की है कि न्यायाधीश भारतीय संविधान को लागू करने के लिए मजबूर नहीं हैं मगर ऐसे में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने कहा है कि क्या जम्मू कश्मीर में न्यायाधीश संविधान के तहत कार्य करने का संकल्प नहीं लेते हैं।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -