भगवान बुद्ध के कपाल के एक दुर्लभ हिस्से को यहाँ किया गया है स्थापित
भगवान बुद्ध के कपाल के एक दुर्लभ हिस्से को यहाँ किया गया है स्थापित
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भगवान बुद्ध के कपाल के एक दुर्लभ हिस्से को चीन के पूर्वी प्रांत जियांग्सू में नियुशोउ पर्वत पर स्थित एक बौद्ध मठ में स्थायी रूप से स्थापित कर दिया गया है. यह अवशेष सात साल पहले मिला था. इस अवशेष को स्थायी स्थापना के लिए नान्जिंग स्थित किशिया मठ से फोदिंग महल में स्थानांतरित किया गया. सरकारी अखबार चाइना डेली ने बुद्धिस्ट एसोसिएशन ऑफ चाइना के अध्यक्ष भिक्षु शुचेंग के हवाले से कहा, ‘हम आशा करते हैं कि अवशेष मठवासियों, बौद्ध लोगों और नान्जिंग की जनता के साझा प्रयासों से यहां अच्छी तरह से स्थापित एवं सुरक्षित रहेंगे.’

 इस समारोह का आयोजन सप्ताहांत में जियांग्सू प्रांत के वुक्सी में आयोजित विश्व बौद्ध फोरम के बाद किया गया. वर्ष 2008 में पुरातत्ववेत्ताओं ने जब चंग्गन मठ के खंडहर में से एक तहखाना ढूंढ निकाला तो उन्हें साक्यमूनि के कपाल की एक हड्डी मिली. इस मंदिर का निर्माण सोंग वंश (420-479 ईस्वी) के दौरान हुआ था. इस हड्डी को सबसे पहले वर्ष 2010 में नान्जिंग में प्रदर्शित किया गया. इसके बाद इसका प्रदर्शन वर्ष 2012 में हांगकांग और मकाओ में किया गया.

बौद्ध रिकॉडों के अनुसार, सम्राट अशोक ने भगवान बुद्ध के निर्वाण के बाद उनके शरीर के सभी हिस्सों को पैगोडा के आकार के पवित्र स्थल पर रखा था. इसके बाद इन्हें दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया. ऐसा माना जाता है कि चीन को इनमें से 19 अंश मिले लेकिन इनमें से अधिकतर प्राकृतिक कारणों से और लापरवाही के चलते नष्ट हो गए.

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