यहाँ बच्चो की मौत के बाद भी की जाती है परवरिश
यहाँ बच्चो की मौत के बाद भी की जाती है परवरिश
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बच्चो को मौत के बाद दफनाया जाता है उनकी परवरिश नहीं की जाती। लेकिन पश्चिम अफ्रीकन देश बेनिन में रहने वाली फॉन जनजाति के लोगो को अगर जुड़वाँ बच्चे हो और उनकी मौत हो जाए तो, उनको एक विचित्र परम्परा को मानना पड़ता है। इस जनजाति के लोगो के जुड़वाँ बच्चो की मौत होने की बाद उनका लकड़ी का पुतला बनाकर अपने बच्चो की तरह परवरिश करना पड़ता है। ये परम्परा सिर्फ जुड़वाँ बच्चो के मरने के बाद ही निभाई जाती है और जब-तक बच्चे के मम्मी पापा जिन्दा रहते है वे उस परम्परा को निभाते है।

फॉन जनजाति के लोग एक डॉल को पालते है, उसे खिलाते है, नहलाते है, स्कूल भेजते है, रात में उसे सुलाते भी है। वे जबतक जिन्दा रहते है, उस डॉल का पालन पोषण करते है।

इस जनजाति की मान्यता है कि अगर ऐसा न किया जाए तो बच्चो की आत्माए भटकती है जिससे परिवार वालो को तकलीफ होती है। इसलिये माँ डॉल को हमेशा अपने सीने से लगाए रखती है। बेनिन के आदिवासी वुदु धर्म को मानते है, यहां अधिकतर जुड़वाँ बच्चे ही होते है उनका पालन पोषण करना कठिन होता है। लेकिन अधिकतर जुड़वाँ बच्चे मर जाते है जिसके बाद इस परम्परा के अनुसार चला जाता है।

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