पाली: यूं तो राजस्थान का पाली जिला हर बार बारिश की बेरुखी के कारण सूखे से दो दो हाथ करता आया है, किन्तु इस बार की स्थिति बिल्कुल अलग ही है. जवाई बांध ने अपना तल दिखा दिया है, वहीं सरकारी कुओं ने भी दम तोड़ दिया है. शहर में 96 घंटे में पानी सप्लाई किया जा रहा है तो गांवो की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है. 7 दिन से लेकर महीनों तक पानी नहीं आता. महिलाएं चार चार किमी दूर से एक मटकी पानी लाने को विवश हैं.
जल माफिया 1,000 से 2,000 एक टेंकर पानी का ले रहे हैं जो गरीब लोगों के बस की बात नहीं होती. सबसे अधिक ख़राब हालात तो जानवरों की है. मवेशी बगैर पानी के दम तोड़ रहे हैं लेकिन प्रशासन इन सबके आगे अपाहिज दिखाई दे रहा है. समाजसेवी अवश्य अपने स्तर पर मवेशियों के लिए पानी का इंतज़ाम रहे हैं, किन्तु वो भी ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है.
पाली जिले का एक भी उपखण्ड ऐसा नहीं है, जो पेयजल की समस्या से नहीं जूझ रहा हो, किन्तु जिले में सबसे ज्यादा कोई उपखण्ड पानी के लिए तरस रहा है तो वो रोहट उपखण्ड है. रोहट उपखण्ड क्षेत्र काफी समय से पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. पिछली बार मानसून की बेरुखी से जवाई में पानी नहीं आया, तो इस बार स्थिति और भी ज्यादा बदतर हो गई.
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