'अपने ही बेटे को कफन ओढ़ाया फिर चिता पर लिटाया...', पिता ने रची ऐसी साजिश जानकर हर कोई रह गया दंग
'अपने ही बेटे को कफन ओढ़ाया फिर चिता पर लिटाया...', पिता ने रची ऐसी साजिश जानकर हर कोई रह गया दंग
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भागलपुर: बिहार के भागलपुर के मधुरा सिमानपुर गांव में बलात्कार के अपराधी ने अपनी मौत की ऐसी कहानी रची, जिसने सभी को चौंका दिया। इस षड्यंत्र में उसके पिता ने भी साथ दिया। मामला खुलने पर अपराधी सोमवार को नाटकीय अंदाज में छुपते-छुपाते अदालत पहुंचा तथा आत्मसमर्पण कर दिया। मामला जिले के इशीपुर बाराहाट थाना इलाके का है। यहां शिक्षक नीरज मोदी पर छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया था। सजा से बचने के लिए अपराधी ने अपनी मौत की झूठी कहानी रची। पिता से अंतिम संस्कार का नाटक कराया। पुलिस तथा कोर्ट को बरगलाने के लिए बाकायदा चिता पर लेटकर फोटोग्राफी भी कराई। तत्पश्चात, उन तस्वीरों को विशेष पाक्सो अदालत में पिता के जरिए पेश भी कराया। इसके बाद बाप-बेटा अंडरग्राउंड हो गए। इसके बाद पुलिस ने भी उसकी मौत को सच मानकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया तथा अदालत में फाइल बंद हो गई। 

दरअसल, शिक्षक नीरज मोदी पर 14 अक्टूबर 2018 को छात्रा ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। केस कोर्ट तक पहुंचा। इसी बीच बेटे को सजा से बचाने के लिए राजाराम मोदी उर्फ राजो मोदी ने उसकी मौत की झूठी कहानी बनाई। उसने बेटे को कफन ओढ़ाया। चिता पर आंखें बंदकर लिटाया तथा तस्वीरें लीं। अपराधी ने कहलगांव श्मशान घाट से लकड़ी की खरीद वाली रसीद भी बनवा ली। उसी के सहारे बेटे का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया तथा अदालत में शपथ पत्र के साथ दाखिल कर दिया। इसी के साथ कोर्ट में केस बंद हो गया।

शातिर की इस करतूत का भंडाफोड़ बलात्कार पीड़िता की मां ने किया। साजिश का पता चलने पर उसने प्रखंड विकास पदाधिकारी, पीरपैंती को एक अर्जी दी। इसमें फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने की खबर दी तथा मामले में जांच की गुहार लगाई। इस पर बीडीओ ने मामले में तहकीकात आरम्भ कराई तथा सच सामने आ गया। 21 मई 2022 को बीडीओ के निर्देश पर अपराधी नीरज मोदी के पिता राजाराम मोदी पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। धोखाधड़ी के मामले में राजाराम जेल में है तथा नीरज का मृत्यु प्रमाणपत्र भी रद्द कर दिया गया है। मृत्यु प्रमाणपत्र रद्द होने की खबर प्राप्त होने के बाद विशेष पाक्सो न्यायाधीश लवकुश कुमार ने ईशीपुर बाराहाट थानाध्यक्ष को तलब किया। उनसे बलात्कार के अपराधी के जीवित होने या मृत्यु हो जाने संबंधी रिपोर्ट 23 जुलाई 2022 को मांगी थी। इस पर थानाध्यक्ष ने प्रतिवेदन देने की जगह चुप्पी साध ली थी। परिणामस्वरूप विशेष न्यायाधीश ने थानाध्यक्ष को न्यायालय के आदेश की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है।

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