मुरथल गैंगरेप में तेजी लाने को लेकर उच्च न्यायालय ने दिए सरकार को निर्देश
मुरथल गैंगरेप में तेजी लाने को लेकर उच्च न्यायालय ने दिए सरकार को निर्देश
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चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मुरथल सामूहिक बलात्कार के मामले में तथ्य एकत्रित करने के साथ समय की मांग करने वाली हरियाणा सरकार को आड़े हाथों लिया। उच्च न्यायालय ने यह स्पष्टतौर पर कहा कि इसमें किसी को कोई शक नहीं है कि मुरथल में सामूहिक बलात्कार हुए। ऐसे में जांच एजेंसी को पीड़िताओं व दोषियों को खोजने पर ध्यान लगाना होगा। हरियाणा सरकार द्वारा पेश किए गए अभिभाषक ने कहा कि मुरथल में फरवरी माह में जाट आंदोलन के तहत बलात्कार हुए थे।

ऐसे में न्यायमूर्ति एसएस सरोन और न्यायमूर्ति लीजा गिल की पीठ ने सरकार को सुनवाई की अगली तारीख से पहले प्रकाश सिंह समिति की रिपोर्ट को दूसरा भाग प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया। हरियाणा सरकार द्वारा न्यायालय में दावा किया गया कि सरकार को सामूहिक बलात्कार की घटनाओं को लेकर कुछ और सुराग हासिल हुए हैं। इस मामले में अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि आखिर जांच किस ओर जा रही है इसका आंकलन नहीं किया जा सकेगा।

दूसरी ओर न्यायालय ने सरकार को और समय देने की बात पर कहा कि सरकार को दोषियों व पीड़िताओं को खोजना चाहिए। उल्लेखनीय है कि फरवरी में जाट आंदोलन के तहत मुरथल में सामूहिक बलात्कार की घटनाओं को मीडिया में रिपोर्ट मिली थी। उच्च न्यायालय ने इन रिपोर्टों को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए थे। इस तरह की सुनवाई में एसआईटी की रिपोर्ट लीक होने को लेकर बहस भी की गई थी। इस मामले में न्यायालय अगली सुनवाई 23 जुलाई को करेगा।

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