गांधीजी के पोते ने कैद की उनकी तस्वीरे
गांधीजी के पोते ने कैद की उनकी तस्वीरे
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भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने फोटो खीचने के लिए शर्त रखी यह सुनकर आप यकीन नहीं करेंगे। और आपको शायद यह भी ना पता हो की बापू के पोते कनु गाँधी एक फोटोग्राफर थे। उन्होंने गांधीजी की लाइफ के आखिरी पलो को कैमरे में कैद किया। हालांकि कैमरे के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। गांधीजी ने शुरू में कनु को पैसे की कमी का कह कर फोटोग्राफी करने के लिए मना कर दिया था, लेकिन बाद में कनु के जिद करने पर उन्होंने घनश्याम दास बिड़ला से इसके लिए मदद मांगी थी। जिससे उन्होंने कनु को 100 रुपए दिए ताकि वो रॉलीफ्लेक्स कैमरा खरीद सके।

इसके बाद महात्मा गाँधी ने कनु के सामने तीन शर्त राखी थी। पहली यह की वह कभी भी कैमरे का फ्लैश इस्तमाल नहीं करेंगे। दूसरी यह की कभी उन्हें किसी प्रकार एक पोज देने के लिए नहीं कहेंगे। तीसरा यह कि वह अपने शौक के लिए आश्रम के पैसे नहीं मांगेंगे। 1917 में जन्मे कनु के पिता नारायणदास महात्मा गाँधी के भतीजे थे। कनु ने अपनी पूरी ज़िन्दगी आश्रम में ही बिताई। उन्होंने बतौर स्टेनोग्राफर महात्मा गांधी का साथ देना शुरू कर दिया। उनके काम को देखते हुए आश्रम में उन्हें बापू का हनुमान कहकर पुकारा जाने लगा। उन्होंने गांधीजी की फोटोज को अपनी किताब कनउज गाँधी पुस्तक में पब्लिश भी किया है।

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