सरकार ने ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विस्तार में भी सराहनीय काम किया है: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
सरकार ने ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विस्तार में भी सराहनीय काम किया है: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
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नई दिल्ली: सरकार अर्थव्यवस्था को रफ़्तार देने और विकास का लाभ सभी तक पहुंचाने के लिये बुनियादी ढांचे के विस्तार पर ध्यान दे रही है, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में गांवों में बसावटों के साथ-साथ स्कूलों, बाज़ारों तथा अस्पतालों आदि से जोड़ने वाले 1 लाख 25 हजार किलोमीटर मार्गों को उन्नत बनाया जाएगा। बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कोविंद ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था का आधार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) हैं तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में एमएसएमई की भूमिका को बढ़ाने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। 

आगे उन्होंने कहा, ‘‘गांवों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं और बुनियादी ढांचा से जोड़ने के लिए सरकार ने ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विस्तार में भी प्रशंसनीय कार्य किया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण इलाकों में 6 लाख 42 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस योजना के तीसरे चरण में ग्रामीण इलाकों में बसावटों के साथ-साथ स्कूलों, बाज़ारों और अस्पतालों आदि से जोड़ने वाले 1 लाख 25 हजार किलोमीटर रास्तों को भी उन्नत बनाया जाएगा।’’

कोविंद ने कहा, ‘‘गांवों में सड़कों के साथ-साथ इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। हर गांव तक बिजली पहुंचाने के पश्चात् सरकार देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है।’’ एमएसमई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था की आधारभूत ताकत हमारे गांवों और छोटे शहरों में फैले हमारे लघु उद्योग, कुटीर उद्योग ही हैं। भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काफी बड़ी क्षमता हमारे इन लघु उद्योगों के ही पास है।’’ 

आगे कोविंद ने कहा, ‘‘देश के कुल निर्यात में इनकी हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है। आत्मनिर्भर भारत के मिशन में एमएसएमई की भूमिक बढ़ाने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं।’’ रोजगार के अवसर बढ़ाने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सरकार की यह लगातार प्रयास है कि उद्यमशीलता का लाभ देश के हर वर्ग को मिले। हुनर हाट और उस्ताद योजना के जरिये लाखों शिल्पकारों का कौशल विकास भी किया जा रहा है तथा उनको रोजगार के मौके दिए जा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इन लाभार्थियों में आधे से ज्यादा महिला शिल्पकार हैं। 

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