सरकार ने नेशनल अवॉर्ड में किए कई बदलाव, अब इंदिरा गाँधी और नरगिस दत्त के नाम से नहीं होगा फिल्म पुरस्कार
सरकार ने नेशनल अवॉर्ड में किए कई बदलाव, अब इंदिरा गाँधी और नरगिस दत्त के नाम से नहीं होगा फिल्म पुरस्कार
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देश की पूर्व पीएम इंदिरा गाँधी एवं दिवंगत एक्ट्रेस नरगिस दत्त के नाम पर अब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नहीं दिए जाएँगे। इसकी घोषणा मंगलवार (13 फरवरी 2024) को की गई। ऐसा 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए बनाए गए नियमों के अंतर्गत किया जा रहा है। वहीं, कई पुरस्कारों को एकीकृत किया गया है। इसके साथ ही उसमें दी जाने वाली रकम भी बढ़ाई गई है। यह उन कुछ परिवर्तनों में से है, जो कि इस बार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में किए गए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के नियम-कानून भी बदले हैं। इसके अंतर्गत दी जाने वाली धनराशि भी बढ़ाई गई है। यह सभी परिवर्तन एक समिति द्वारा किए गए हैं, जिसे पीएम मोदी ने कोविड महामारी के चलते बनाया था।

सरकार द्वारा बनाई गई कमिटी द्वारा किए गए परिवर्तन के मुताबिक, अब इंदिरा गाँधी बेस्ट डेब्यू फिल्म का नाम बदलकर ‘बेस्ट डेब्यू फिल्म ऑफ अ डायरेक्टर’ कर दिया गया है। वहीं, नरगिस दत्त के नाम पर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाली फीचर फिल्म को दिए जाने वाले पुरस्कार का नाम ‘बेस्ट फिल्म ऑन प्रमोटिंग नेशनल, सोशल एंड इनवॉयरमेंटल वैल्यूज’ कर दिया गया है। इंदिरा गाँधी बेस्ट डेब्यू फिल्म के अंतर्गत जिस फिल्म को यह अवार्ड दिया जाता था, उसके निर्देशक एवं निर्माता- दोनों के बीच यह धनराशि बाँटी जाती थी। अब यह राशि केवल डायरेक्टर को ही मिलेगी। इसमें कोई बँटवारा नहीं होगा। वहीं, ‘बेस्ट फिल्म ऑन प्रमोटिंग नेशनल, सोशल एंड इनवॉयरमेंटल वैल्यूज’ के अंतर्गत दिए जाने वाले पुरस्कार को सामाजिक मुद्दों एवं पर्यावरण संरक्षण वाले अनुभागों को भी एक में मिला दिया गया है।

देश के सबसे बड़ा फिल्म पुरस्कार माना जाने वाले दादा साहब फाल्के के अंतर्गत फिल्म कलाकार को दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹15 लाख कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सभी वर्ग में दिए जाने वाले स्वर्ण कमल पुरस्कार और रजत कमल पुरस्कार की राशि को क्रमशः ₹3 लाख एवं ₹2 लाख कर दिया गया है। स्वर्ण कमल पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ फिल्म, पहली फिल्म, भरपूर मनोरंजन प्रदान करने वाली फिल्म, निर्देशन एवं बच्चों की फिल्म वाली श्रेणी में दी जाती है। वहीं, रजत कमल पुरस्कार राष्ट्रीय, सामाजिक एवं पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सभी अभिनय श्रेणियों, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, संगीत एवं ऐसी अन्य श्रेणियों के विजेताओं को दिया जाता है।

वही इसके अतिरिक्त , एक और परिवर्तन किया गया है। ‘सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म’ एवं ‘सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट’ के पुरस्कार को दो उप-श्रेणियों के साथ ‘सर्वश्रेष्ठ एवीजीसी (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) फिल्म’ नामक एक नई श्रेणी में जोड़ा गया है। पहले यह अलग-अलग होता था। तीन सब-कैटेगरी वाले बेस्ट ऑटोबायोग्राफी सेक्शन को अब बेस्ट साउंड डिजाइन के नाम से जाना जाएगा। इस श्रेणी के अंतर्गत दी जाने वाली पुरस्कार राशि को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दिया गया है। कमिटी ने और भी बहुत सारे परिवर्तन किए हैं। ये परिवर्तन करने वाली कमिटी की मुखिया सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर हैं। उनके साथ ही कमिटी में फिल्म निर्माता प्रियदर्शन, राष्ट्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी सहित अन्य सदस्य सम्मिलित हैं।

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