नई दिल्ली : कारो के निर्माण के मामले में मशहूर कम्पनी वॉक्सवैगन लम्बे समय से उलझनों का सामना कर रही है. गौरतलब है कि कम्पनी के द्वारा उत्सर्जन जाँच को धोखा देने के लिए अपनी कारों में उपकरण लगाने के कारण बाजार से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. और खुद कम्पनी ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने इस तरह के उपकरण का इस्तेमाल किया है.
अब देश में सरकार का यह कहना है कि यह वॉक्सवैगन की एक "सोची समझी साजिश" है. इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि इस धोखाधड़ी के कारण अब देश में सभी वॉक्सवैगन की कारों की जाँच की जाना है, और इस जाँच को अगले 6 महीनो के भीतर ही अंजाम तक पहुँचाना है.
कम्पनी के सभी डीजल वाहनों की चेंकिंग के बाद यह देखा जाना है कि वे सभी नियमों का सही से पालन कर रही है या नही. गौरतलब है कि मंगलवार को ही कम्पनी के द्वारा यह कहा गया था कि वे बाजार से अपनी 3.23 लाख डीजल कारों को सुधारने के लिए वापस बुला रही है. और अब सरकार के द्वारा सभी डीजल कारों के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.