चंडीगढ़: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शिक्षा विभाग से जुड़े कई ऐलान किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए एक शटल बस सेवा आरम्भ करेगी जिससे विद्यार्थियों के बीच ड्रॉप-आउट रेट की जांच की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी शिक्षकों से कोई भी नॉन-टीचिंग काम नहीं कराए जाएंगे। सीएम ने शिक्षक दिवस के मौके पर एक सभा को संबोधित करते हुए यह ऐलान किए।
सीएम मान ने कहा कि परिवहन, डाइट, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य बुनियादी आवश्यकताओं का ख्याल रखते हुए हर बच्चे को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना सरकार का मूल कर्तव्य है। उन्होंने कहा, "परिवहन सुविधाओं के अभाव में, लड़कियों के बीच विद्यालय छोड़ने की दर बहुत ज्यादा है, इसलिए हमने इस दिक्कत का सख्ती से मुकाबला करने के लिए प्रदेश की हर बालिका को यह सुविधा देने का निर्णय लिया है।"
वही इस मौके पर सीएम ने कहा कि अध्यापकों का काम सिर्फ बच्चों को पढ़ाना होगा। उनका उपयोग किसी अन्य गैर-शैक्षणिक यानी नॉन-टीचिंग काम के लिए नहीं किया जाएगा। डिजिटल शिक्षा को समय की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना आवश्यक है। दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए इस प्रकार के फैसले की तर्ज पर नए शिक्षण कौशल हासिल करने के लिए अध्यापकों को ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड और अन्य प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में भेजने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने अपने अनुभवों को अपने अध्यापकों के साथ साझा किया तथा उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। अध्यापकों से आंदोलन का रास्ता छोड़ने और उन्हें विचार-विमर्श के लिए आमंत्रित करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के चलते अपनाई गई नीतियों ने अवांछित बाधाएं उत्पन्न की हैं, किन्तु शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खास ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि ये 'आप' सरकार की चिंता का मुख्य क्षेत्र हैं।
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