हम जब भी मंदिरों में जाते है तो देखते है की प्रत्येक मंदिर की बनावट में परिक्रमा के स्थान का विशेष ध्यान दिया है। क्योकि परिक्रमा का अपने आप में धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्त्व है। हिंदू धर्म में मंदिर में पूजा करते समय देवी-देवताओं की परिक्रमा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है। भगवान की परिक्रमा से अक्षय पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं। इस परंपरा के पीछे धार्मिक महत्व के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है।
जिन मंदिरों में पूरे विधि-विधान के साथ देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती है, वहां मूर्ति के आसपास दिव्य शक्ति हमेशा सक्रिय रहती है। मूर्ति की परिक्रमा करने से उस शक्ति से हमें भी ऊर्जा मिलती है। इस ऊर्जा से मन शांत होता है।
परिक्रमा करते समय रखे इन बातो का ध्यान।
1. परिक्रमा नंगे पैर ही करना चाहिए।
2. परिक्रमा करते समय बातें नहीं करना चाहिए। शांत मन से परिक्रमा करें।
3. जिस देवी-देवता की परिक्रमा की जा रही है, उनके मंत्रों का जप करना चाहिए। भगवान की परिक्रमा करते समय मन में बुराई, क्रोध, तनाव जैसे भाव नहीं होना चाहिए।
4. परिक्रमा करते समय तुलसी, रुद्राक्ष आदि की माला पहनेंगे तो बहुत शुभ रहता है।