कनाडा निवासी लिनेट कैंटवैल 12वी कक्षा की छात्र हैं. उनके स्कूल होली ट्रिनिटी रीजनल हाई स्कूल में आस्क डॉट ऍफ़एम के द्वारा एक पोल करवाया गया. जिसमे लोगो को क्लास की सब से लड़कियों बदसूरत को रेटिंग देनी थी. इस बदसूरत लड़कियों की रेटिंग में लिनेट का चौथा नंबर आया. पोल से लिनेट को काफी परेशानी तो हुई. मगर उन्होंने इस परेशानी का डट कर होशियारी से सामना किया और फेसबुक पर बड़ी चतुराई से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करी. कुछ ही देर में लिनेट का यह पोस्ट फेसबुक पर वायरल हो गया. यदि आप जानना चाहते हैं कि लिनेट ने क्या लिखा तो यह पढ़िए.
पोस्ट कुछ इस प्रकार था.
'उस व्यक्ति के नाम
जिसने 12वें ग्रेड में सबसे बदसूरत लड़कियों का चुनाव किया
आस्क.एफएम स्ट्रॉ पोल.
मुझे खेद है कि आपके जीवन में इतना दुख है, कि आपको दूसरों को नीचा दिखाना पड़ता है. उन 12 लोगों के लिए भी मुझे बुरा महसूस हो रहा है, जिन्होंने मुझे चौथे स्थान पर लाने के लिए वोट किया. मुझे खेद है कि आप मुझे एक व्यक्ति के तौर पर जान ही नहीं पाए. मैं जानती हूं, कि मैं सबसे खूबसूरत नहीं हूं. जिसे देखा जाए. मुझे पता है, कि मेरे पास डवल चिन है. मुझ पर एक्सट्रा लार्ज (एक्सएल) साइज़ के कपड़े फिट आते हैं. मुझे पता है मेरी स्माइल परफैक्ट नहीं है. लेकिन मुझे आपके लिए खेद होता है ना कि खुद के लिए. आई एम सॉरी, कि आपको दूसरे लोगों को **** की तरह महसूस कराने में आनंद आता है. आई एम सॉरी कि आपको कभी ये जानने का मौका नहीं मिला कि मैं किस तरह की व्यक्ति हूं. मैं बाहर से भले ही ओके नहीं दिखती हूं. लेकिन मैं फनी हूं, मैं नाइस हूं, काइंड, डाउन टू अर्थ, नॉन जजमेंटल हूं. इसके अलावा दूसरों को एक्सेप्ट करने वाली, मदद करने वाली और बात चीत करने के लिए सुपरईजी हूं. ऐसा ही उन लड़कियों के साथ भी है. जिन्हें उस लिस्ट में नीचा दिखाया गया. क्योंकि हम बाहर से परफेक्ट नहीं दिखतीं. इसका मतलब ये नहीं कि हम बदसूरत हैं. अगर बदसूरती को लेकर आपका यह विचार है, तो मुझे आपके लिए सॉरी महसूस हो रहा है. लाइक सीरियसली? गैट अ लाइफ.'
लिटेन के इस पोस्ट को लोगो ने काफी सराहा हैं. कई लोग उनके सपोर्ट में बोल कर उनकी प्रसंसा कर रहे हैं. यहाँ तक कि लोग उन्हें फूल और गिफ्ट तक भेज रहे हैं. सीबीसी न्यूज से हुए इंटरव्यू में लिटेन ने कहा ''मैं एक बड़े व्यक्ति की तरह बनना चाहती थी. आग का सामना आग से करने के बजाए, मैंने अलग तरह से लड़ने का फैसला किया. जो सच में बेहद नकारात्मक था. उसे मैं सच में सकारात्मक बना देना चाहती थी'
लेटिन की माँ को भी अपनी बेटी पर गर्व हैं. लेटिन की वजह से उनके क्लास के छात्रों की सोच में भी बदलाव आया हैं.