दवा से नहीं बल्कि वायलिन सुनने पर कोमा से बाहर आयी युवती
दवा से नहीं बल्कि वायलिन सुनने पर कोमा से बाहर आयी युवती
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कोलकाता : क्या आप कभी सोच सकते है की संगीत सुनकर कोई शख्स कोमा से बाहर आ सकता है। शायद नहीं लेकिन यह चमत्कार हुआ है दरसल कोलकाता के एक अस्पताल में एक चमत्कार हुआ है। यहां कई दिनों से कोमा में रही 21 साल की युवती संगीत थेरेपी के जरिए बाहर आ गई है। यह चमत्कार सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में हुआ है। अस्पताल में भर्ती संगीता दास को डॉक्टर संदीप कुमार ने दिन में तीन बार हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध वायलिन वादक एन. राजम के राग दरबारी कानड़ा को सुनने की सलाह दी थी। संगीता के परिवार ने इस सलाह को माना भी और इसका नतीजा देखकर वह काफी खुश हैं। 

बेहद खुश हुई राजम 
जब यही बात पद्म पुरस्कार से सम्मानित एन. राजम को पता चली तो वह भी काफी हैरान हो गईं। उन्होंने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा, 'मैंने जिंदगी में काफी पैसा कमाया, कई अवॉर्ड जीते लेकिन कभी सोचा नहीं था कि मेरा वायलिन वादन किसी को एक नई जिंदगी दे सकता है। मैं अपनी भावनाएं शब्दों में बयान नहीं कर सकती हूं। मैं संगीता के पूरी तरह स्वस्थ होने पर उससे मिलूंगी और उन डॉक्टरों से भी जिन्होंने उसे यह सलाह दी थी।

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