गणेश चतुर्थी : गणेश जी को घर लाने का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी : गणेश जी को घर लाने का शुभ मुहूर्त
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अधिकांशतः हम एक दिन पूर्व गणेश जी को लेकर आते हैं अतः हम प्रथम आपको 4 सितम्बर 2016 का मुहूर्त दे रहे है। कृपया ध्यान रहे सपरिवार या सपत्नीक गणेश जी को आमन्त्रित करके लाएं। घर में गणेश जी की पूजा करके लायें और कहें  गणेश जी ऋद्धि सिद्धि सहित हमारे घर पधारें। 4 सितंबर मुहूर्त दोपहर 12.28 से 3.49 तक  व शाम को 5.29 से 8.29 तक है. गणेश जी की मूर्ति का ज्यादा भाव मोल ना करें। उन्हें शुद्ध कोरे लाल वस्त्र से ढक कर लायें। कार में उन्हें सीट पर या अपनी गोद में रख कर लायें। डिग्गी में कदाचित ना रखें। अगर आप 5 सितम्बर को ही लाना चाहते हैं तो मुहूर्त सुबह 7.27  व 10.48 का है. 

5 सितम्बर को गणेश स्थापना पूजा का समय सुबह 7.27 से 10.48, दोपहर 12.28 से 02.08, शाम को 07.08 से 09.48 है . आप डेढ़ दिन 3, 5, 7 या 11 दिन के लिये गणेश जी को आमन्त्रित करने का संकल्प ले सकते हैं और यह संकल्प मूर्ति लाते समय या स्थापना के समय मन में ले सकते हैं। मगर ध्यान रहे कि जितने दिन का संकल्प करके लाये हैं उससे पूर्व विसर्जन ना करें पर अधिक दिन रुकने के लिए गणेश जी सेअनुनय विनय करके दिन उपरोक्त संख्या में बढ़ा सकते हैं।

जितने दिन गणेश जी घर में विराजमान रहें घर को ताला लगाकर सपरिवार बाहर नहीं जायें, कोई ना कोई सदस्य घर पर ही रुके। अगर पति पत्नी ही कार्यरत हों तो यह बोलकर जाये की गणेश जी इतने बजे तक आ जायेंगें और फिर जा सकते हैं। ऐसे ही जो महिलाएं दिन में बच्चों को स्कूल बस से लेने जाती हैं वे भी गणेश जी को बोल कर जा सकती हैं। आपको यह भावना मन में रखनी है कि गणेश जी आपके घर में अतिथि बनकर विराजमान हैं।

गणेश जी को दोनों आरती के समय यथाशक्ति मोदक फल व मेवे का प्रसाद अर्पित करें। घर में सात्विक भोजन ही बने व सर्वप्रथम थाली लगा कर गणेश जी को भोजन अर्पित करें तत्पश्चात परिवार के साथ भोजन करे। घर में कोई क्लेश और चिंता नहीं करें। गणेश जी विघ्नक्लेश और चिंता को दूर करने वाले हैं यह दृढ विश्वास मन में रखें। पुनः गणेश जी लाते समय काला धागा पहना कर लायें। पूजन व अन्य सामग्री 7 साबुत सुपारी 5 साबुत पान के पत्ते कलश हेतु ताम्बे या पीतल का कलश लोटा, अक्षत या साबुत चावल, नारियल, 3 ताजे पुष्प, इत्र, केले के पत्ते, दूर्वा, हल्दी, टीके हेतु चन्दन, कपूर धूप व अगरबत्ती गौ घृत का दीपक, शहद, गुड़, गंगा जल से पूजन किया जा सकता है। 

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