5 वर्ष की आरना ने दी कमांडेंट पिता को मुखाग्नि
5 वर्ष की आरना ने दी कमांडेंट पिता को मुखाग्नि
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झारखंड : जम्मू - कश्मीर में आतंकियों से लौहा लेने वाले शहीद सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्हें उनकी 5 वर्षीय लड़की ने मुख्याग्नि दी। इस लड़की का नाम आरना शर्मा है। दरअसल पश्चिम बंगाल के चित्तरंजन स्थित अजय नदी के घाट पर प्रमोद कुमार का अंतिम संस्कार किया गया। दरअसल शहीद प्रमोद कुमार का पार्थिव शरीर सीआरपीएफ के कड़े बंदोबस्त के बीच झारखंड के जामताड़ा जिले के मिहिजाम स्थित आवास पर पहुंचा।

जैसे ही शहीद की पार्थिव देह कौफिन में उनके गांव पहुंची हर ओर भारत माता की जय और शहीद प्रमोद कुमार अमर रहे के जयकारे गूंज उठे। शहीद की देह को परिजन और अन्य लोगों के अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। इसके बाद प्रातः 11.30 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में कारवां जुड़ता चला गया और लोगों का सैलाब शहीद को नमन करने उमड़ गया। गमगीन माहौल में परिजन और ग्रामीणों ने शहीद को गर्व के साथ अंतिम विदाई दी।

सीआरपीएफ ने अपने वीर कमांडेंट को गार्ड आॅफ आॅनर देकर विदा किया। इस दौरान उनके सम्मान में बंदूकें चलीं और फिर उल्टी हो गईं। कुछ देर माहौल में सन्नाटा पसरा रहा। सभी वीर की स्मृति में दो मिनट मौन हो गए। शहीद की अंतिम यात्रा में दिल्ली से सीआरपीएफ के डीजी दुर्गा प्रसाद, डीआईजी नीतीश कुमार, कोलकाता के कमांडेंड विनय तिवारी, एसडीजी संदीप, डीआईजी दुर्गापुर आरएनओ भड़, डीआईजी सीआरपीएफ धनबाद सुरेशस शर्मा, दुमका डीआईजी देव बिहारी शर्मा आदि मौजूद थे।

शहीद प्रमोद की शहादत पर उनके साथी कमांडेंट विनय तिवारी ने कहा कि यदि वे एक को मारेंगे तो हम दस को मारेंगे। उनका कहना था कि प्रमोद एक दिलेर, साहसिक कमांडेंट थे। वे पीछे मुड़कर देखने वालों में से नहीं थी। प्रमोद की शहादत पर राज्य के मुख्यमंत्री ने भी दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने कायरता का उदाहरण पेश किया है। शहीद की शहादत बेकार नहीं जाएगी। झारखंड को कमांडेंट की शहादत पर गर्व है।

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