कोयले की काली कमाई पर अदालत का कोड़ा
कोयले की काली कमाई पर अदालत का कोड़ा
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कोयला आवंटन घोटाले में झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री को तीन साल की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव एके बसु और उस समय के केंद्रीय कोयला सचिव रहे एचसी गुप्ता को भी तीन-तीन साल की सज़ा सुनाई है. एचसी गुप्ता को जुर्माने के बतौर एक लाख रुपये देने का आदेश दिया गया है. क्या है मामला - इनके ख़िलाफ़ साल 2007-08 में कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) को गलत तरीके से राजहरा नार्थ कोल ब्लाक आवंटन करने का आरोप सिद्ध हुआ था.

यह कोल ब्लाक झारखंड के पलामू प्रमंडल में स्थित है. आरोप था कि सरकार और इस्पात मंत्रालय ने इस कोल ब्लाक के आवंटन की अनुशंसा नहीं की थी. इसके बावजूद तत्कालीन कोयला सचिव एचसी गुप्ता और झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु की सदस्यता वाली 36 वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने राजहरा नार्थ कोल ब्लाक विसुल को देने की सिफारिश कर दी. इसको आधार बनाकर झारखंड की तत्कालीन मधु कोड़ा सरकार ने यह आवंटन कर दिया था. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने इस आवंटन के बदले अरबों रुपये की रिश्वतखोरी और हेराफेरी का आरोप लगाया था.

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जस्टिस भरत पराशर ने थोड़ी देर पहले इस सजा का ऐलान किया. कोड़ा पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

 

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