नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि पिछली गर्मी में बॉर्डर पर हुए खुनी संघर्ष और 45 वर्षों में पहली बार हुई मौतों के बाद चीन के साथ विश्वास पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इसके साथ ही, भारत के शीर्ष राजनयिक ने रॉयटर्स नेक्स्ट कॉन्फ्रेंस में कहा कि दूसरी ओर अमेरिका के साथ संबंध बेहतर हो रहे थे और वाशिंगटन में नए प्रशासन के तहत इसका दायरा और बढ़ सकता है.
उल्लेखनीय है कि चीन के साथ जून के महीने में गलवान घाटी में हुए खुनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस हिंसा में चीन की सेना को भी बहुत नुकसान पहुंचा था. हालांकि, चीन ने दुनिया के समक्ष अपने नुकसान की जानकारी नहीं दी थी. पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई के महीने से भारत और चीन के बीच गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. चीन ने LAC पर आक्रामक कार्रवाई करते हुए भारी संख्या में हथियार और लगभग 60 हजार सेना के जवानों को तैनात कर दिया.
इसके जवाब में भारत की ओर से चीन के किसी भी गुस्ताखी का मुकाबला करने के लिए इतनी ही संख्या में सेना के जवानों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही, भारत ने मिसाइल सहित कई युद्धक हथियार और अन्य चीजों की तैनाती कर रखी है. भारत और चीन के बीच अब तक कमांडर स्तर की 8 दौर की बातचीत हो चुकी है जबकि 9 दौर की वार्ता अभी होने जा रही है. हालांकि, इसकी अभी तारीख निर्धारित नहीं हुई है. इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच राजनयिक और सरकार के स्तर पर भी बातचीत हो चुकी है.