हल्द्वानी : शहर में फूड प्वॉइजनिंग से नंधौर नदी के खनन मजदूरों के दो परिवार बीमार हो गए। इनमें से नौ बच्चे और दो वयस्क शामिल हैं। बीमार लोगों को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत में सुधार है। रामपुर जिले के बिलासपुर स्थित हाशमीनगर निवासी अहमद नबी और आसिम नंधौर नदी में उप खनिज निकासी करते हैं। दोनों परिवार के सदस्यों के साथ चोरगलिया के आमखेड़ा में झोपड़ी डाल कर रहते हैं।
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ऐसे हुआ दर्दनाक हादसा
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार की शाम को अहमद नबी बाजार से सोयाबीन बड़ी खरीद कर लाया था। रात में उसके घर यही सब्जी बनी थी। परिवार के सभी सदस्यों के अलावा आसिम के दो बच्चों ने बड़ी की सब्जी खाई थी। इसके बाद सभी सो गए, सुबह सभी लोगों की तबियत खराब हो गई। आसपास के लोगों ने खुशनुमा पत्नी अहमद नबी, अहमद नबी पुत्र मकबूल, जीशान, रहमान, शाइस्ता, अरमान, अमान, तबस्सुम, आयत नूर और कासिम व आसिन पुत्र आसिम को बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सभी की हालत में सुधार है।
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ऐसे लगी सोयाबीन में फंगस
जानकारी के मुताबिक घटना की सूचना पर पुलिस और खुफिया विभाग ने बेस अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवार से जानकारी ली। विशेषज्ञ बताते हैं कि पुराना सोयाबीन भी खाने योग्य नहीं होता है। पुराने सोयाबीन में गर्मी के कारण फंगस लग जाते हैं। फंगस के कारण फूड प्वॉइजनिंग की आशंका रहती है। नंधौर के मजदूरों में भी इसी कारण फूड प्वॉइजनिंग होने की आंशका है।
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