देशभर में आई फ्लू का कहर, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके
देशभर में आई फ्लू का कहर, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके
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कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) लंबे वक़्त से एक मानसून में होने वाली बीमारी रही है। भारत में सामान्य रूप से वर्षा के मौसम में इसके मामले बढ़ते हैं। हाल ही में खबर आई है कि देशभर के कई प्रदेशों में कंजक्टिवाइटिस के केस बढ़ रहे हैं तथा लोग इससे बहुत परेशान हैं। दिल्ली NCR की बात करें तो वहां भी कंजक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने लगे हैं तथा दिल्ली एम्स में प्रतिदिन 100 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में आइये आपको बताते है कंजक्टिवाइटिस क्या है, ये कैसे पनपता है तथा इससे बचाव के तरीके।।।

कंजक्टिवाइटिस क्या है?
बेंगलुरु में फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ। आदित्य एस। चौती ने बताया, 'कंजक्टिवाइटिस, कंजंक्टिवा (आंख का सफेद हिस्सा) की सूजन है। कंजक्टिवाइटिस के वातावरण में बैक्टीरिया या वायरल होते हैं। कभी-कभी व्यक्तियों को यह एलर्जी की प्रतिक्रिया के जरिए भी हो सकता है।' 

कैसे फैलता है कंजक्टिवाइटिस? 
कंजक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है तथा पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। बीमारी फैलने का सबसे आम तरीका यह है कि जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं तथा अपने हाथों को साफ करना भूल जाते हैं। किसी व्यक्त‍ि को अगर कंजक्ट‍िवाइटिस बीमारी हो गई है तो उसकी आंखों में न देखें और न ही उसका रुमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, मोबाइल आदि छूने से बचें।

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण:-
चिकित्सको के अनुसार, कंजक्टिवाइटिस के लक्षण नजर आते ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। इसके सामान्य लक्षणों में आंखें लाल होना, खुजली, आंसू आना सम्मिलित हैं। आंखों के आसपास डिस्चार्ज या पपड़ी भी हो सकती है। यदि डॉक्टर को लगता है कि यह कंजक्टिवाइटिस ही है तो वह डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप लिख सकते हैं। 

कंजक्टिवाइटिस होने पर क्या करें:-
अक्सर आंखों की सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। हालांकि, मानसून के चलते आंखों की सेहत को सही रखने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाना आवश्यक है। चिकित्सकों ने बताया कि पहला कदम यह है कि अपनी आंखों को निरंतर छूने से बचें, विशेष रूप से यदि आपके हाथ ठीक से नहीं धोए गए हों तब। कंजक्टिवाइटिस वायरल आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है मगर इसके चलते आंखों को साफ रखना चाहिए तथा आवश्यक है कि कॉन्टैक्ट लेंस न पहनें। संक्रमण फैलने से बचने के लिए घर के अन्य सभी सदस्यों को नियमित रूप से अपने हाथ धोने चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति को भी ऐसा ही करना चाहिए। यदि आपकी आंखें सूखी लग रही हैं तो लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का उपयोग करें। घर में जलजमाव वाले क्षेत्र या पोखर बैक्टीरिया का स्थान हो सकते हैं तथा अगर बच्चे उनमें खेल रहे हैं तो बाद में उनकी आंखों को एंटी-बैक्टीरियल वाइप्स से साफ करना अहम है नहीं तो आंखें बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकती हैं।

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