साढे साती का असर विपरित रूप से होता है तो वहीं आर्थिक स्थिति भी पूरी तरह से बिगड़ने में देर नहीं लगती है। यही कारण होता है कि साढ़े साती लगते ही संबंधित जातक तनाव में आ जाता है और इससे बचने का उपाय भी किया जाता है। साढ़े साती का पहला ढाई वर्ष अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है।
जैसे मेष राशि में जहां पहले ढाई वर्ष का समय सामान्य रूप से व्यतीत होता है तो वहीं बाद के ढाई वर्षों में धन हानि के साथ ही स्वास्थ्य हानि, मानव हानि और दुःख आदि होते है। जबकि वृषभ राशि के लिए पहला ढाई वर्ष का समय कष्टप्रद रहता है।
इस अवधि में कर्ज तो बढ़ता ही है वहीं सम्मान में भी कमी आती है। इसी तरह मिथुन राशि वाले जातकों को पहला ढाई वर्ष तो सामान्य बीतता है लेकिन अंतिम ढाई वर्ष में क्लेश और कष्ट उठाना ही होता है।