नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना के इतिहास में 18 जून की तारीख को कभी नहीं भूलाया जाएगा। क्यों कि इसी दिन देश की तीन बेटियां पहली बार लड़ाकू विमानों को उड़ाने जा रही है। शनिवार को वायुसेना देश की पहली तीन महिला पायलटों को कमीशन देगी।
उनकी ट्रेनिंग अब पूरी हो चुकी है। इनमें एक रीवा की अवनी चतुर्वेदी, बिहार के बेगुसराय की भावना कांत और झुंझुनू की मोहना सिंह है। इन तीनों ने मार्च में ही फाइटर प्लेन चलाने की योग्यता हासिल कर ली थी। इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरुप राहा भी वहां मौजूद रहेंगे।
फिलहाल वायुसेना में 1500 से ज्यादा महिलाएं हैं। इनमें से केवल करीब 100 ही परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाती हैं। इन तीनों महिलाओं की अगली और एडवांस ट्रेनिंग कर्नाटक के बीदर में होगी। अवनी ने बताया कि उन्होने अपनी कॉलेज की पढ़ाई जयपुर से की है।
उन्होने वनसस्थली विद्दा पीठ से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियंरिंग की है। झुंझुनू की मोहना ने बताया कि वो बूचपन से ही एयरफोर्स में जाना चाहती थी। उनके दादा ने भी एयरपोर्स में काम किया है और फिलहाल उनके पिता भी भारतीय वायुसेना में कार्यरत है।
इस तरह से उन्हें अपने घर में ही प्रेरणा मिलती रही है। भावना कहती है जहां चाह वहां राह। महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं होता है। दोनों में एक ही तरह की हुनर, क्षमता क्षमता होती है कोई भी खास अंतर नहीं होता है।