नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद से ही तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. युद्ध को लेकर Russia पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा. इसी बीच भारत ने सस्ती कीमतों पर रूस से तेल खरीदना जारी रखा. जिसके कारण भारत पर उंगलियां उठीं, लेकिन भारत ने सभी को माकूल जवाब भी दिया है. दरअसल, भारत से लगातार रूसी तेल खरीदने को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं. ऐसा ही एक सवाल यूरोपियन यूनियन (EU) के फॉरेन पॉलिसी चीफ ने भी भारत से पूछा, जिसका उन्हें ‘मुंहतोड़’ जवाब मिला है.
#WATCH | My understanding of council regulations is that Russian crude is substantially transformed in a third country & not treated as Russian anymore. I would urge you to look at Council's Regulation 833/2014: EAM Dr Jaishankar when asked about EU Foreign Policy chief Josep… pic.twitter.com/5Dh5PH9yfX
— ANI (@ANI) May 17, 2023
दरअसल, यूरोपियन यूनियन के फॉरेन पॉलिसी चीफ जोसेफ बोरेल ने भारत के रिफाइंड प्रोडक्ट्स पर कार्रवाई की मांग की, जिन्हें रूसी तेल के माध्यम से तैयार किया जा रहा है. इसकी प्रतिक्रिया में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोसेफ को सलाह दे डाली कि उन्हें EU काउंसिल रेगुलेशन को देखना चाहिए. जयशंकर ने कहा कि EU काउंसिल रेगुलेशन में स्पष्ट लिखा है कि जब रूसी तेल किसी तीसरे देश में बदला गया है और अब इसे रूसी नहीं माना जा सकता है. मैं आपको कहना चाहूंगा कि आप काउंसिल के रेगुलेशन 833/2014 को देखें.
बता दें कि, जयशंकर का ये बयान ऐसे वक़्त पर सामने आया है, जब यूरोपियन यूनियन के राजनयिक जोसेफ बोरेल ने कहा कि भारत पर EU को एक्शन लेना चाहिए. इसके कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत रूसी तेल को रिफाइंड फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल में तब्दील कर यूरोप में बेच रहा है. जोसेफ का कहना है कि जहां पश्चिमी देश, रूस के एनर्जी सेक्टर के खिलाफ कार्रवाई तेज कर उसके ऊपर दबाव बना रहे हैं. दूसरी तरफ वो रूसी तेल को भी खरीदने का काम कर रहे हैं.
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