डब्ल्यूटीओ में विकासशील देशों का पक्ष मजबूती से रखा : सीतारमण
डब्ल्यूटीओ में विकासशील देशों का पक्ष मजबूती से रखा : सीतारमण
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नई दिल्ली : विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की शनिवार को समाप्त हुई नैरोबी मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत ने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की कि विकासशील देशों के हित संगठन की कार्यसूची के केंद्र में रहें। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मंगलवार को कहा, भारत ने यह सुनिश्चित करने की पुरजोर कोशिश की कि विकासशील देशों और सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) के हित कार्यसूची के केंद्र में रहें। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा के लिए सरकारी अनाज भंडारण संबंधी विवादों का स्थायी समाधान ढूंढ़ने की उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मांग को समृद्ध देशों ने हालांकि मान ली, लेकिन विकास एजेंडे को शामिल नहीं किए जाने का भारत ने विरोध किया।

विकासशील देशों की कृषि उत्पादों के लिए विशेष सुरक्षा प्रणाली (एसएसएम) की मांग पर उन्होंने कहा कि बैठक के अंत में जारी घोषणापत्र में एसएसएम का सहारा लेने के विकासशील देशों के अधिकार को मान्यता दी गई है। एसएसएम के तहत विकासशील देश अपने किसानों के हितों की रक्षा के लिए कुछ कृषि उत्पादों पर अधिक सीमा शुल्क लगा सकते हैं। सीतारमण ने कहा कि भारत खाद्य सुरक्षा के लिए अनाज के सरकारी भंडारण पर मंत्रिस्तरीय बैठक की फिर से मुहर लगवाने में कामयाब रहा।

उन्होंने लोकसभा में कहा कि नैरोबी मंत्रिस्तरीय बैठक में लिए गए फैसले में कृषि निर्यातकों को वित्तीय मदद के लाभ को सीमित करने वाली शर्तो वाला अनुशासन, कृषि व्यापार में संलिप्त सरकारी कंपनियों से संबंधित नियम और घरेलू उत्पादन को सहायता के नकारात्मक असर से बचाने वाले अनुशासन शामिल हैं। सीतारमण ने यह भी बताया कि भारत जैसे विकासशील देशों को इन नियमों के कार्यान्वयन के लिए अधिक समय दिया गया है।

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