वित्तीय धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक पीड़ा
वित्तीय धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक पीड़ा
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नई दिल्ली : वित्तीय क्षेत्र की धोखाधड़ी को अर्थव्यवस्था के लिये खतरनाक कीड़ा बताते हुए वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज बैंकों से इस प्रकार के मामलों की सूचना जल्द से जल्दी देने की प्रक्रिया अपनाने को कहा ताकि ऐसे प्रकरण की तह तक जाने में जांच एजेंसियों को मदद मिले. सिन्हा ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में ज्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ही बड़ी राशि फंसी होती है. उन्होंने कहा, ‘ऐसा देखा गया है कि समूह कई बैंकों के वित्त पोषण के मामलों में धोखाधड़ी की घोषणा करने में बैंक बहुत देरी करते हैं. हमने कई मौकों पर देखा है कि विभिन्न बैंक द्वारा ऐसे मामलों को धोखाधड़ी घोषित करने के मामले में 12 से 15 महीने की देरी होती है.

बैंक के सतर्कता अधिकारियों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि इस प्रकार की देरी से न केवल बैंकों के साथ धोखाधड़ी बल्कि धन को ठिकाने लगाने का भी समय मिल जाता है तथा जांच एजेंसियों के लिए भी कठिनाई बढ जाती है. वित्तीय क्षेत्र में धोखाधड़ी देश की अर्थव्यवस्था के दीमक बताते हुए उन्होंने मुद्दे से निपटने के लिये सरकार तथा रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि रेड फ्लैग्ड एकाउंट (RAF) की एक ऐसी धारणा पेश की जा रही है जिससे धोखाधड़ी होने से पहले ही उसकी आशंका के बारे में बैंकों को सतर्क कर दिया जाएगा.

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