इटावा. सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एम्बुलेंस सेवाओं की कितनी भी तारीफ करे किन्तु हकीकत कुछ और ही है. वास्तव में आम आदमी को एम्बुलेंस सुविधा का लाभ आसानी से नहीं मिल पता है. इस से जुड़ा एक मामला सामने आया है, सोमवार को भीमराव आंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में सामने आया है. यहां एक पिता अपने बेटे को लेकर अस्पताल आए एक पिता को पुत्र के शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई.
इस संबंध में अस्पताल प्रशसन का कहना है कि पिता ने एम्बुलेंस कि कोई मांग नहीं की और वह बिना बताये ही इमरजेंसी वार्ड से बाहर चला गया. सिविल लाइन थाना क्षेत्र के विक्रमपुरा गांव निवासी उदयवीर अपने 14 वर्षीय पुत्र पुष्पेंद्र को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा थे, बेटे के पेट में दो दिन से दर्द हो रहा था. जब वह अस्पताल में डाक्टर पीयूष त्रिपाठी के पास पहुंचे तो उन्होंने उसे देखकर बताया कि इसकी मौत हो चुकी है. उसके हार्ट व फेफड़े काम नहीं कर रहे थे.
उदयवीर जिसके बाद अपने बेटे को कंधे पर लादकर अस्पताल परिसर के बाहर ले आया. इस मामले में सीएमओ डॉ. राजीव यादव जिला अस्पताल जाँच के लिए पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है तो इसमें कार्रवाई होगी.
ये भी पढ़े
108 एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल, विदिशा में प्रसूता की मौत
दमोह में यात्रियों से भरा वाहन पलटा, एक महिला की मौत
बेटी की शादी में बेंड बुलाया तो दलितों के कुंए में डाल दिया केरोसिन