जम्मू : जम्मू-कश्मीर में अफस्पा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में इस नियम की जरूरत नहीं है। ऐसे स्थान जहां पर शांति स्थापित है। आतंकवाद का प्रभाव नहीं हैं वहां इसे नहीं लगाया जाना चाहिए। इसे हटाने की बात तो सुरक्षाबलों द्वारा ही की जा सकती है। उनका कहना था कि इसे सुरक्षाबल ही अच्छी तरह से सामने रख सकते हैं।
दरअसल वे राज्य में अफस्पा जारी रहने के मसले पर बोल रहे थे। यही नहीं उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बयान को लेकर भी कहा कि कन्हैया द्वारा सुरक्षाबलों को लेकर की गई टिप्पणी उस समय सामने आई है जो ये जवान और सुरक्षा अधिकारी अपनी जान पर खेलकर और अपने परिजन की परवाह न कर मातृभूमि के लिए अपना बलिदान करने में लगे हैं।
इस तरह की बातें इन सैनिकों के मनोबल को गिराती हैं। उल्लेखनीय है कि कन्हैया कुमार ने कहा था कि सुरक्षाबल कश्मीर घाटी में मानवाधिकार का उल्लंघन करने में लगे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उधमपुर रेलवे स्टेशन का नाम शहीद कैप्टन के नाम पर रखे जाने की अपील भी की।