नई दिल्ली: केंद्र सरकार के मंत्री लगातार किसानों से आंदोलन ख़त्म करने की अपील कर रहे हैं, किन्तु मामला कृषि कानूनों की वापसी पर अटका है. दोनों में से कोई भी पक्ष पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है. कड़ाके की सर्दी में भी किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे कृषकों का समर्थन करने कई पूर्व सैनिक सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं.
दिल्ली की विभिन्न बॉर्डर्स पर किसान जमे हुए हैं. दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों का विरोध 20वें दिन में प्रवेश कर चुका है. धरने पर बैठीं 80 साल की वृद्धा रामकली का कहना है कि उन्हें ठंड के मौसम में मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है , मगर फिर भी वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगी. वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे पूर्व सैनिक कमलदीप सिंह ने बताया कि मैं 5 वर्ष पूर्व भारतीय सेना से रिटायर हुआ. हम खुद किसान-मज़दूर के बेटे हैं, हम यहां एक फौजी के रूप में नहीं आए हैं .
उधर सरकार की तरफ से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कृषि संबंधी तीनों कानून किसी भी कीमत पर वापस नहीं होने वाले हैं। हालाँकि, सरकार कानूनों में संशोधन करने के लिए तो तैयार है, लेकिन कानून रद्द करने की मांग पर वो साफ़ इंकार कर रही है।
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