इस सबसे खतरनाक देश की एजेंसी से पूरी दुनिया डरती है, मौत का दूसरा नाम है यह एजेंसी
इस सबसे खतरनाक देश की एजेंसी से पूरी दुनिया डरती है, मौत का दूसरा नाम है यह एजेंसी
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इजराइल: आपने अक्षय कुमार की फिल्म बेबी और सैफअली खान की फैंटम तो देखी ही होगी, इन दोनों ही फिल्मो में दिखाया गया है कि किस तरह से ख़ुफ़िया विभाग के एजेंट्स दूसरे देश में घुसकर अपने देश के दुश्मनों का सफाया करते है, यह तो हम फिल्मों की बात कर रहे थे लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा है जिसकी खुफिया एजेंसी ने एक से बढ़कर एक खुफिया ऑपरेशन को अंजाम दिया है, इस देश की खुफिया एजेंसी के काम करने के तरीके की तारीफ खुद सुपर पॉवर अमेरिका ने भी की है.

इजराइल देश केवल अपनी टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के लिए ही मशहूर नहीं है बल्कि ये अपनी ख़ुफ़िया एजेंसियों के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है की अगर कोई भी इजराइल देश की ब्लैक लिस्ट में शामिल हो जाता है तो उसके निशाने से कभी भी बच नहीं सकता है. वो हर हालत में इजराइल की ख़ुफ़िया एजेंसियों का शिकार बन ही जाता है. फिर चाहे वो कितने ही बड़े सुरक्षा घेरे में जाकर क्यों ना बैठा हो. अपनी इन ख़ुफ़िया एजेंसियों पर इजराइल जाने कितने ही पैसे खर्च कर देता है. हाल में ही ये खबर सामने आई है कि इजराइल ने इन ख़ुफ़िया एजेंसियों का बजट दोगुना कर दिया है.

आज के समय में इजरायल दो खुफिया एजेंसियों का मालिक है .जिनके नाम है शिन बेत और मोसाद. शिन बेत ख़ुफ़िया एजेंसी इजरायल की इंटरनल सिक्युरिटी का ध्यान रखती है वही मोसाद एक्सटर्नल सिक्योरिटी को सँभालने का काम करती है. ये दोनों ही एजेंसियां किसी भी बात का बदला लेने के लिए ही जानी जाती है. मोसाद ख़ुफ़िया एजेंसी के ना जाने ऐसे कितने ही किस्से है जिसमे उसने अपने दुश्मनो को दुनिया के कोने कोने से ढूंढ ढूंढ कर मार गिराया है. मोसाद एजेंसी कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे इजरायल की 'किलिंग मशीन' कहा जाता है. इजरायल की शिन बेत और मोसाद एजेंसी में एक हजार अधिकारी है.

मोसाद की सबसे बड़ी खूबी 'फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन्स'यानी कवर्ड ऑपरेशन्स है जिसमे मोसाद को महारत हासिल है, मोसाद आपने दुश्मनों को कभी भी माफ़ नहीं करती है, मोसाद पर बहुत सी कहानियां आपको सुनने को मिल जाएगी और मोसाद को लेकर बहुत सी किताबें भी लिखी जा चुकी है. मोसाद ने कुछ ऐसे काम किये है जो अकल्पनीय माने जाते है.

मोसाद को म्युनिक ओलंपिक्स के लिए भी जाना जाता है, दरअसल 1972 में 'म्युनिक ओलंपिक्स' के दौरान फिलिस्तानी आतंकी गुट 'ब्लैक सितम्बर' ने 11 इजरायली खिलाडियों को मौत के घाट उतार दिया था, जवाब में मोसाद की टीम ने 1972 से 1978 के दौरान रोम से लेकर लेबनान तक ब्लैक सितम्बर के आतंकवादियों को चेहरा पहचान कर चुन-चुन कर मौत के घाट उतार दिया. मोसाद अपने दुश्मनो को दुनिया के किसी भी कोने से खोज निकाल लेता है, दुनिया में किसी की भी हिम्मत नहीं कि वो इजरायल की तरफ बुरी नज़र उठाकर देख ले.

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