'चाहे मुझे पूरे जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दो, मैं अपनी तपस्या करता रहूँगा..', हाई कोर्ट के फैसले पर फूटा राहुल गांधी का गुस्सा
'चाहे मुझे पूरे जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दो, मैं अपनी तपस्या करता रहूँगा..', हाई कोर्ट के फैसले पर फूटा राहुल गांधी का गुस्सा
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नई दिल्ली: मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय से पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद राहुल गांधी का गुस्सा फूटा है। राहुल गांधी ने कहा है कि अब उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे उन्हें हमेशा के लिए ही क्यों न अयोग्य करार दे दिया जाए। राहुल गांधी ने कहा कि मैं सवाल करना बंद नहीं करूंगा। मैं भारत के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा। बता दें कि गुजरात उच्च न्यायालय ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि केस में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने  की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि गांधी पर पहले ही देशभर में 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। कोर्ट ने कहा कि उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है।

कोर्ट का यह फैसला आने के बाद राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि वह देश के लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे। राहुल गांधी ने आगे कि मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं, यह हकीकत है। चाहे मुझे सदस्यता मिले या न मिले मैं अपना काम करता रहूँगा। उन्होंने कहा कि चाहे यह मुझे स्थायी तौर पर 'अयोग्य' कर दें तो भी मैं अपना काम करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं संसद से अंदर हूं, या बाहर। राहुल ने आगे कहा कि मैं अपनी तपस्या करता रहूंगा। अयोग्य होने की क्या बात है, मुझे पूरे जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाए, चाहे मुझे जेल में डाल दिया जाए, मैं सवाल करना बंद नहीं करूंगा।
 
बता दें कि, राहुल की याचिका ख़ारिज करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि 'राहुल गांधी बिल्कुल गैर-मौजूद आधार पर दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। दोषसिद्धि पर रोक कोई नियम नहीं है। उनके (राहुल गांधी) के खिलाफ 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। राजनीति में शुचिता की आवश्यकता है। एक मामला कैंब्रिज में राहुल द्वारा वीर सावरकर के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने के बाद वीर सावरकर के पोते द्वारा पुणे कोर्ट में (गांधी) के खिलाफ दाखिल किया गया है। राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने से किसी भी प्रकार से आवेदक के साथ अन्याय नहीं होगा। उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं है। दोषसिद्धि न्यायसंगत, उचित और कानूनी है।' 

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