हाल ही में तकनिकी की दुनिया में लगातार आविष्कार होते जा रहे है, वही अब एक ऐसी तकनीक सामने आयी है जिसके द्वारा मछली के द्वारा बिजली बनायीं जा सकती है. जिसके चलते मछली से बिजली बनाने में आरंभिक सफलता मिली है. इसकी खोज कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रो. दीपांकर मंडल तथा उनकी टीम ने की है.
मिली जानकारी में बताया गया है कि मछलियों के स्केल्स (शल्क) में ऐसे तत्व हैं जिनसे बिजली बनाई जा सकती है. शल्क को कुछ इलाकों में चोइयां, चोइंटा या पटि बोलते हैं. मछली को पकाने लायक बनाने के लिए सफाई करते समय इन्हें निकालकर फेंक दिया जाता है. जिसके बारे में प्रो. मंडल का कहना है कि इनमें पाए जाने वाले महीन तंतु बड़े काम की चीज है. जिससे बिजली बनाना संभव है.
यह तकनीक अभी किसी भी तरह से प्रयोग में नही आयी है, किन्तु जल्दी ही इस सिद्धांत को लागु करने पर कार्य किया जा रहा है, जिसके चलते इस तरह की बिजली पर्यावरण के खयाल से भी अच्छी है क्योंकि इसके उत्पादन के दौरान प्रदूषण नहीं होगा. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और मेडिकल क्षेत्र के छोटे उपकरणों के लिए यह खास तौर पर उपयोगी होगी.
बताया गया है कि कुछ पदार्थों में पाइजोइलेक्ट्रिक तत्व होते हैं. ऐसी चीज पर मैकेनेकिल दबाव डालने पर बिजली पैदा होती है. वही उसमें सीसा (लेड) और कांसा होने के कारण ऐसा होता है. मछली के शल्क में महीन तंतु के साथ कोलेजन होता है जो इसे सख्त बनाता है. इसमें भी पाइजोइलेक्ट्रिक तत्व होने के कारण बिजली बनायीं जा सकती है.