नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को समन दिए जाने के मामले को संसद तथा सांसदों का ‘‘घोर अपमान’’ बताया। इसी के साथ उन्होंने कहा कि, 'दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा फिर न हो।' जी दरअसल पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, 'राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष को प्रवर्तन निदेशालय ने ईमेल के माध्यम से समन भेजा कि वह नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग में यंग इंडियन के दफ्तर में मौजूद रहे। खड़गे ने कहा कि संसद का सत्र चल रहा है और नेता प्रतिपक्ष होने के चलते उनके पहले से कार्यक्रम तय हैं, ऐसे में उनका एक अधिकृत प्रतिनिधि मौजूद रहेगा।'
इसी के साथ रमेश ने दावा किया कि 'ईडी ने खड़गे के आग्रह को नहीं माना और उनके मौजूद रहने पर जोर दिया।' जी दरअसल खड़गे ने सदन को इसकी जानकारी दी और कहा कि, 'वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं, लेकिन संसद सत्र के दौरान उन्हें समन किया जाना उचित नहीं है।' इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा के सभापति ने कहा कि आपराधिक मामलों में संसदीय विशेषाधिकार नहीं होते… पहली बात यह कि खड़गे नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी नहीं हैं। फिर भी ईडी ने उन्हें समन किया कि तलाशी के लिए उन्हें मौजूद रहना होगा और उनका बयान रिकॉर्ड किया जाना है।’’ इसके अलावा कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि, 'अब समय आ गया है कि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी इस पर चर्चा करें और यह सुनिश्चित करें कि संसद और सांसदों का इस तरह का घोर अपमान फिर से न हो।'
आप सभी को पता हो कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे को गत चार अगस्त को ईडी ने यहां आईटीओ के पास बहादुर शाह जफर मार्ग पर ‘हेराल्ड हाउस’ में बुलाया था। जी हाँ और ईडी ने उनके खिलाफ समन जारी किया था क्योंकि जांच एजेंसी चाहती थी कि यंग इंडियन के कार्यालय पर छापेमारी के दौरान कंपनी के प्रमुख अधिकारी के तौर पर खड़गे मौजूद रहें।
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