नवरात्रि का आरम्भ 17 अक्टूबर से हो रहा है. नवरात्रि का पर्व बड़ा ही ख़ास माना जाता है और इस पर्व को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. ऐसे में आप जानते ही होंगे इस पर्व को 9 दिनों तक मनाया जाता है और 9 दिन 9 देवियों की आरधना की जाती है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं नवरात्रि के शुभ अवसर पर राशि के अतिरिक्त लग्न के अनुसार पढ़े जाने वाले दुर्गा मंत्र. जी हाँ, आइए जानें क्या है आपका शुभ मंत्र...
मेष लग्न- ॐ विंध्यवासिनी नम:।
वृषभ लग्न- ॐ महाविद्या नम:।
मिथुन लग्न- ॐ त्रिपुरा नम:।
कर्क लग्न- ॐ सुगोत्रा नम:।
सिंह लग्न- ॐ मृडानी नम:।
कन्या लग्न- ॐ सुखदिता नम:।
तुला लग्न- ॐ कोपना-कृति नम:।
वृश्चिक लग्न- ॐ स्वर्ग-गति नम:।
धनु लग्न- ॐ भवप्रीता नम:।
मकर लग्न- ॐ पुरवासिनी नम:।
कुंभ लग्न- ॐ वसुधाकारा नम:।
मीन लग्न- ॐ शुभा नम:।
कहा जाता है लग्न के अनुसार देवी आराधना मंत्र का 9 दिनों तक निरंतर पाठ किया जाए तो सभी के सभी मनोरथ पूरे हो जाते हैं। इसके अलावा अगर कोई शारीरिक कष्ट व मानसिक परेशानी होती है तो उससे भी मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ख़ास मंत्र जिनका आप नवरात्रि के 9 दिनों में जाप कर सकते हैं.
मां दुर्गा को प्रिय सरल मंत्र
* सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
* या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* ॐ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
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