नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय वायुसेना के लिए एक और कारगर मिसाइल का निर्माण किया है. ख़ास बात यह है कि यह मिसाइल परीक्षण में कामयाब रहा है. यह मिसाइल हवा से हवा में मार करने में समर्थ है. पश्चिम बंगाल एयर बेस से सोमवार को सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट से इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सटीक निशाना लगाकर अपनी क्षमता को साबित किया.
अच्छी बात यह है कि यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है. DRDO के वैज्ञानिकों ने अपनी मेहनत से इस मिसाइल की तकनीक का ईजाद कर इसे तैयार किया है. 26 सितंबर 2018 को यह मिसाइल बनकर तैयार हुई है. इस मिसाइल की विशेषता यह है कि यह 70 किलोमीटर दूर तक दुश्मन को मार गिराने में समर्थन है. परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने हवा में तैर रहे टारगेट पर अचूक निशाना साधा। इस मिसाइल को मिराज 2000 एच, मिग 29, सी हैरियर, मिग 21 और सुखोई एसयू-30 एमकेआई फाइटर जेट से भी लांच किया जा सकता है.
DRDO निरंतर भारत की तीनों सेना के लिए नए-नए उपकरण तैयार करने में लगा हुआ है. 17 सितंबर को DRDO ने मानवरहित विमान (UAV) कर्नाटक (karnataka) का परीक्षण किया था, हालांकि यह दुर्घटना का शिकार हो गया था. इस मानवरहित विमान को चित्रदुर्ग टेस्ट रेंज से उड़ाया गया था। 17 किमी. दूर एयरक्राफ्ट के सिस्टम में कुछ समस्या आ गई और वह खेतों में क्रैश हो गया.
#WATCH Defence Research & Development Organization (DRDO) yesterday successfully test fired the Astra, air to air missile with a range of over 70 kms. The missile was test fired from a Su-30MKI combat aircraft that took off from an air base in West Bengal. pic.twitter.com/HraxJLGmmj
— ANI (@ANI) September 17, 2019
सऊदी अटैकः इतना महंगा हो सकता है कच्चा तेल, भारत भी होगा प्रभावित
भारतीय मुद्रा में आई गिरावट, जाने कारण
FPIs INVESTMENT : सितंबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने देश में किया इतना निवेश