वाशिंगटन : मुस्लिम विरोधी बयानों से चर्चा में आए अमेरिकी राष्ट्रपति के रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला है। ट्रंप का मानना है कि यदि आतंकवाद पर काबू पराना है, तो इसके लिए उनके मस्जिदों पर निगरानी रखनी होगी और साथ ही मुसलमानों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना होगा। अटलांटा में एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि हमें सम्मानपूर्वक, मस्जिदों की जांच करनी होगी, हमें अन्य जगहों की जांच करनी होगी क्योंकि यह एक ऐसी समस्या है जिसका हमने समाधान नहीं किया तो यह हमारे देश को जिंदा निगल जाएगी।
मुस्लिम विरोधी बयान के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रंप की जमकर आलोचना की थी। ओबामा ने कहा था कि ट्रंप के ऐसे बयान अमेरिका के लिए घातक हो सकते है। फ्लोरिडा में एक गे क्लब में हुए हमले के बारे में ट्रंप ने कहा था कि वो सही थे।
न्यू हैंपशायर में ट्रंप ने कहा कि ये गोलीबारी काफी हद तक इमिग्रेशन का मसला है। हमलावर अमेरिका में था क्यों कि हमने हमलावर को अमेरिका में आने दिया। ओबामा पर हमला बोलते हुए ट्रंप ने कहा था कि मुस्लिम हमारे साथ काम कर रहे है औऱ ओबामा जानते है कि क्या चल रहा है।
अपनी प्रतिद्धंद्धी हिलेरी क्लिंटन के बारे में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि देश में जो भी गलत हो रहा है, उसमें हिलेरी ज्यादा सपोर्ट है। मुझे पता है कि उनके पास इस बात का कोई सुराग नहीं है कि इस्लाम कितना रैडिकल है। वे कहती हैं कि इस प्रॉब्लम को गन से कंट्रोल करेंगी, दूसरी तरफ अमेरिकियों से गन दूर करना चाहती हैं। अपने कई ट्वीट में ट्रंप ने लिखा कि मैं खुद को बधाई देता हूं क्यों कि इस्लामिक कट्टरपंथ पर मेरी राय बिल्कुल सही थी।