एक भेंट जिसने बदल दिया जीवन, नहीं जाऐंगे राज्यसभा
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नई दिल्ली : अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डाॅ. प्रणव पंड्या ने राज्यसभा की सदस्यता लेने से इन्कार कर दिया है। दरअसल उन्होंने कहा है कि उनका क्षेत्र आध्यात्म है और वे राजनीति में नहीं जाना चाहते हैं। आध्यात्मिक रूप से ही वे अपना कार्य करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि डाॅ. प्रणव पंड्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण करने का आग्रह किया था। इसके बाद कई बार सरकार के पक्षों के साथ डाॅ. पंड्या की चर्चा हुई थी लेकिन डाॅ. पंडया ने राज्यसभा जाने का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था लेकिन इसके बाद सरकार ने राष्ट्रपति से उनके राज्यसभा में जाने के लिए अनुशंसा की थी।

ऐसे में उनका नाम राज्यसभा के लिए नामित हुआ। उन्हें मनोनित सांसद बनाए जाने की घोषणा की गई लेकिन इसी दौरान उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि वे अपने गायत्री परिवार के 12 करोड़ भक्तों की इच्छा के चलते ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे आध्यात्मिकरूप से ही अपना कार्य करना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि डाॅ. प्रणव पंड्या ने एक बार कहा था कि जब वे बड़े - बूढ़ों को ठीक कर देते हैं तो फिर राजनीति के इन बूढ़ों को परिवर्तित करने में उन्हें क्या देर लगेगी। गौरतलब है कि वे 1978 में आचार्य पं. श्री राम शर्मा के संपर्क में आए थे। उनकी बेटी से विवाह करने के बाद एमबीबीएस और एमडी की डिग्री लेने वाले डाॅ. पंड्या पूरी तरह से आध्यात्मिक तौर पर गायत्री परिवार से जुड़ गए।

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