style="text-align: justify;">जनवरी लगभग आधा बीतने के साथ ही विद्यार्थियों और उनके पैरेंट्स द्वारा अध्ययन के प्रति गंभीरता दिखलाई जाती है। ऐसे में पढ़ाई के दबाव को हैंडल करना आसान नहीं होता। दरअसल एक्ज़ाम के पहले परीक्षा की तैयारियां करना एक टेढ़ी खीर होती है, यही नहीं बच्चों पर पढ़ाई का खासा दबाव होता है। बच्चों को समझ ही नहीं आता कि कौन से विषय का अध्ययन कैसे किया जाए। यही नहीं तनाव के कारण बच्चों पर इसका असर पड़ता है।
बच्चे पकड़ते हैं गलत राह :- माता - पिता द्वारा बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिए जाने पर बच्चे गलत राह पकड़ लेते हैं, पढ़ाई के दौरान आस-पास ही रहना होगा। बच्चों पर नज़र रखनी चाहिए। यही नहीं बच्चे की अलमारी और बस्ते की जांच की जानी चाहिए।
परीक्षा को हौवा न बनाऐं :- बोर्ड परीक्षाऐं करीब आते ही किसी तरह का हौवा न बनाया जाए। बच्चे को पूरा ध्यान उसकी पढ़ाई पर ही देना चाहिए। ऐसे प्रयास करें। हालांकि यह भी ध्यान रखे कि बच्चे ने अपनी पढ़ाई रटकर न की हो। प्रश्नपत्र की लंबाई के अनुसार उत्तर छोटे या बड़े करना बच्चों को आना चाहिए।