हर माँ -बाप की ख्वाहिश होती है की उसका बच्चा खूब पढ़े लिखे और उनका नाम रोशन करें और इसी सोच के कारण माँ बाप अपने बच्चो को स्कूल भेजते है लेकिन ज्योतिष के मुताबिक ऐसा कहा जाता है की बच्चो का भविष्य उनकी जन्म कुंडली के मुताबिक तय होता है कुछ बच्चो को आपने देखा होगा की वह बच्चे पढ़ाई तो बहुत करते है लेकिन परीक्षा में वे ज्यादा नंबर नहीं लेकर आ पाते इसका कारण उनके जन्म के अनुसार गृह योग से है अगर बच्चो का गृह योग सही होगा तो उनका मानसिक संतुलन अच्छा रहेगा और इसी कारण वे पढ़ाई में भी अच्छे नंबर लेकर आते है
अक्सर देखा गया है की बच्चो का पढ़ाई कक्ष में कुछ नेगेटिव ऊर्जा भरी होती है जिसके कारण बच्चो का पढ़ाई में मन नहीं लगता अगर बच्चो का पढ़ाई कक्ष खुशबुदार, साफ़ सुथरा हो तो बच्चो के लिए अच्छा होता है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक पढ़ाई करने का टेबल गोल, या चोकोर होना चाहिए, आड़े तिरछे टेबिल बच्चो के मन को पढ़ाई करने से रोकते है.
बच्चो के पढ़ाई कक्ष का रंग पीला और वायलेट होना चाहिए, और कुर्सी, टेबिल का रंग भी ब्राईट होना चाहिए, यदि उनके रूम में कंप्यूटर है तो कंप्यूटर को सदैव दक्षिण दिशा में होना चाहिए.
पढ़ाई कक्ष की खिड़की पूर्व दिशा में बनवाएं और उसे अधिकतर समय खोलकर रखें क्योकि खिड़की अगर पूर्व दिशा में होती है तो सुबह सुबह जब सूर्य की किरणे उस कक्ष में पड़ती है तो इससे नकारामक ऊर्जा नष्ट हो जाती है.
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