इस दिवाली खुशियों को करे री-साइकल
इस दिवाली खुशियों को करे री-साइकल
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हमारा देश त्योहारों का देश माना जाता है. पूरे साल हम त्यौहार मनाते है. और हमारे इन साल भर के त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण है दिवाली का त्यौहार. दिवाली दियो पर रंगो का त्यौहार है. इसमें हम दिए जलाकर अपने घर के साथ-साथ मन का अंधकार दूर करते है, वही रंगोली में रंग भरकर अपने जीवन में रंग भरते है. दिवाली आने के एक महीने पहले घरो में तैयारी होने लगती है. इसमें सबसे पहले हम घर की साफ़ सफाई करते. जिसमे घर में पेंट करवाया जाता है. पैन करवाने से घर की दिवार पूरी तरह साफ़ और नयी सी हो जाती है. 

आज हम आपको बताएँगे के कैसे आप इस दिवाली सफाई के दौरान अपनी पुरानी चीज़ो को उपयोग कर सकते है. और अपने रिश्तो को री-साइकल कर सकते है.  

दिवाली सफाई के दौरान जाहिर है ऐसी कई चीज़ों पर आपकी नज़र गई होगी जिनकी आपको ज़रूरत नहीं. हो सके तो उसे मरम्मत कर नया लुक दें, और किसी ज़रूरतमंद को दान कर दें. अगर आपके पास वक्त की कमी है, तो पड़ोस के किसी इलाके की एक दीवार को पेंट करें और एक रस्सी बांधकर उसपर कपड़े, खिलौने और बाकी सामान रखें.  संदेश लिखें कि हर कोई अपनी ज़रूरत के हिसाब से वहां से सामान चुनकर ले जाए. साथ ही अपील करें कि अगर आपकी तरह किसी अन्य के पास भी दान देने योग्य चीज़ें हैं तो वो यहां रख जाए. ये काम पड़ोसियों और दोस्तों के साथ मिलकर करने में ज्यादा मज़ा आएगा.

फूलों से घर सजाएं

 आज हमारे पास समय की कमी के चलते हम घर में आर्टिफिशियल फूल और तोरण से सजावट करते है. लेकिन इस दिवाली अपनी व्यस्त ज़िन्दगी में थोड़ा समय चुराए. और  घर को फूलों से सजाएं. आपको बता दे कि शाम के वक्त ताज़े फूलों की खुशबू से आपका घर खुशनुमा तो बनेगा ही, खूबसूरत भी लगेगा.  इससे बजट भी नहीं बिगड़ता है और घर में माहौल में ताज़गी महसूस होती है. 

इको फ्रेंडली पटाखे

बच्चों को पटाखों से दूर रखना मुश्किल है इसलिए प्रदूषण और दूसरों की परेशानी का ख्याल रखते हुए इस बार इको फ्रेंडली पटाखें खरीदें. माना कि ये महंगे होते हैं लेकिन बच्चों को अच्छी सीख देने के लिए ये भी सही. खास बात ये कि आपको प्रदूषण और परिवार दोनों का ख्याल रखते थोड़ा खर्च ज़्यादा ही सही. लेकिन इससे आपकी दिवाली सुरक्षित मन सकेगी.
कहानियां सुनाएं

अगर आपको अपने बच्चों को परंपराओं और रिवाजों से अवगत करना है तो त्योहार इस काम के लिए सबसे सही वक्त है. अपने बच्चे, उसके दोस्तों को भी घर पर बुलाएं और दिवाली से जुड़ी दिलचस्प कहानियां बताएं, आज के दिन की जाने वाली हर चीज़ के पीछे का कारण भी बताएं. संभव हो तो दिवाली शॉपिंग के दौरान बच्चों के लिए खास तौर पर तैयार की गईं दिवाली से जुड़े किताब भी खरीद लें और घर के एक कोने में सजा दें, ताकि उनमें खुद पर्व के बारे में जानकारी हासिल करने में दिलचस्पी जगे. बच्चों के फ्रेंड्स को गिफ्ट में भी ऐसी किताबें दे सकते हैं.

अंत में एक और बात त्योहारों का मजा उनसे जुड़ी परंपरा और रिवाज़ों से है. इसलिए ख्याल रहे कि बिलुकल अलग तरीके से दिवाली मनाने के चक्कर में उनका मूल ही खत्म ना हो जाए. इसलिए दिवाली पर जो भी करे दिवाली के महत्व को ध्यान में रखते हुए करे. 

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