Jan 03 2016 02:22 PM
नई दिल्ली : न्यायाधीश की नियुक्ति प्रणाली में कोलेजियम नियम का पालन करते हुए ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए नए नियमो पर काम चल रहा है. कोलेजियम के द्वारा उच्चतम एवं उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति और पदोन्नति को लेकर असहमति जताने के लिए अपने विचार और तर्क को कार्यपालिका के साथ साझा करना ज़रूरी है.
ज्ञापन प्रक्रिया के मसौदे को आखरी रूप देते हुए यह बताया जा रहा है कि कोलेजियम सदस्य अपनी असहमति लिखित में साझा करे. मौजूदा प्रणाली में प्रधान न्यायाधीश भारत के विधि मंत्री को सिफारिश भेजता है. और विधि मंत्री इसे प्रधानमंत्री को सोपता है. प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रपति के पास भेजता है. अंत में राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह से निर्णय देता है.
इस स्थिति में कोलेजियम सदस्य के द्वारा लिखा गया ज्ञापन राष्ट्रपति तक पहुंच पाएगा जिससे इस श्रृंखला में सभी को निर्णय लेने में सुविधा प्राप्त होगी.
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