नई दिल्ली : देश में जारी डिजिटल इंडिया अभियान के तहत नागरिकों को जारी किए जाने वाले प्रमाण-पत्र इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मुहैया कराने देश के आधे से अधिक राज्य पूरी तरह विफल रहे हैं। गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के सात राज्यों समेत का प्रदर्शन एक प्रतिशत से भी कम रहा है। जानकारी के लिए बता दे केंद्र ने जन्म-मृत्यु, शिक्षा, जाति, विवाह, आय, नागरिक आपूर्ति समेत विभिन्न सेवाओं में डिजिटल प्रमाण-पत्र मुहैया कराना तीन साल पहले शुरू की गई योजना के तहत तय किया था।
आधार सबसे ज्यादा जारी
प्राप्त जानकारी अनुसार यदि केंद्र सरकार के आंकड़ों की माने तो भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण और सीबीएसई समेत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों द्वारा अब तक कुल 287.13 करोड़ से अधिक प्रमाण-पत्र जारी किए गए। इनमें सबसे बड़ी तादाद आधार की है जो अब तक 119.08 करोड़ नागरिकों को जारी किए गए हैं।
अभी महाराष्ट्र सबसे आगे
सूत्रों की माने तो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 4574.37 करोड़ प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं। इसमें सर्वाधिक महाराष्ट्र द्वारा 1285.07 लाख, उत्तर प्रदेश द्वारा 1001.23 लाख, कर्नाटक द्वारा 737.96 लाख, ओडिसा द्वार 335 लाख, झारखंड द्वारा 260.14 लाख और मध्य प्रदेश ने 236.27 लाख प्रमाण-पत्र जारी किए हैं। यूपी ने हालांकि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और राजस्व संबंधी एक भी पत्र नहीं जारी किया है।
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