डायबिटीज पीड़ित लोगों को बड़ी राहत, अब जरूरी नहीं होगा इन्सुलिन का इंजेक्शन
डायबिटीज पीड़ित लोगों को बड़ी राहत, अब जरूरी नहीं होगा इन्सुलिन का इंजेक्शन
Share:

आप सभी इस बात को जानते ही होंगे कि कई लोगों में सुई (इंजेक्शन) के दर्द का इतना ज्यादा दर होता है कि केवल इंजेक्शन लगाने के नाम से ही उनके पसीने छूट जाते हैं. शुगर मरीजों के काफी बड़े हिस्से को इन्सुलिन के इंजेक्शन अनिवार्य तौर पर लेने होते हैं.वही इंजेक्शन से घवराने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. मैसेच्यूसेट्स इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नालॉजी (एमआईटी) और नोवो नोर्डिस्क (1985 में इन्सुलिन पेन बाजार में लाने वाली पहली कंपनी) ने मिलकर इन्सुलिन की एक ऐसी गोली विकसित की है, जो इन्जेक्शन के डोज जितनी ही प्रभावकारी. यह खोज मधुमेह के रोगियों के जीवन को एक सुखी जीवनदेने वाली है. वही हमारे भारत में ही मधुमेह के 7.2 करोड़ से ज्यादा रोगी मिले हैं. 

जाने क्या है इन्सुलिन-

हमारा पेंक्रियास, इन्सुलिन हार्मोन बनाता है जो खून से ग्लुकोज को लेकर उसे हर एक कोशिका के अंदर तक पहुंचाने का कार्य करता है. इससे हमारे शरीर को काफी ऊर्जा प्राप्त होती है.

मधुमेह दो प्रकार के होते है-

पहला, जिसमें शरीर इन्सुलिन नहीं बना पाता है. और दूसरा, जिसमें शरीर या तो बहुत ही काम मात्रा में इन्सुलिन बनाता है या फिर इन्सुलिन को लेकर प्रतिरोध विकसित करता है पहला मधुमेह को तो इन्सुलिन पर निर्भर डायबिटीज भी कहते है. वैसे तो यह आमतौर पर जन्म से ही पाया जाता है.इसी कारण छोटे-छोटे बच्चों को भी बचपन से ही हफ्ते में कई बार इंजेक्शन लगाना पड़ता है, ताकि उनके शरीर को पूर्ण रूप से इन्सुलिन मिल जाए.

इन्सुलिन को एशेरिशिया कोली (एक बैक्टीरिया) की मदद से रिकॉम्बिनेंट डीएनए प्रौद्योगिकी (जीन्स का एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में स्थानांतरण) के जरिये तैयार किया जाता है. हाल के वक्त तक इन्सुलिन लेने का इकलौता तरीका त्वचा के ठीक नीचे इंजेक्शन के जरिये इसे लेना था. इस वजह से इस क्षेत्र में भी कई नई खोज की गयी, जिसमें 1985 से व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध इन्सुलिन पेन काफी राहत मिली थी.

इंजेक्शन क्यों है जरुरी-

आमतौर पर मुंह के जरिये इन्सुलिन लेने की सबसे बड़ी चुनौती के कारण, इन्सुलिन एक ऐसा प्रोटीन है जिससे हमारा पेट, खून तक पहुंचने से पहले पचा लेता है. क्यूंकि इन्सुलिन खून तक पहुंचे बगैर अपना काम नहीं कर पाती है.

यही कारण है कि पिछले 97 साल से (एक जानकारी के मुताबिक इन्सुलिन का पहला इंजेक्शन 11 जनवरी 1922 को लगाया गया था) जिसमे इन्सुलिन इंजेक्शन के द्वारा दिया या लिया जाता है. इसका इंजेक्शन बहुत बारीक होता है, लेकिन फिर भी कई लोगों को यह इजेक्शन लगाने में भी दर्द महसूस होता है. इंजेक्शन से डरने वाले लोगों के लिए हर रोज इन्सुलिन का इंजेक्शन लेना किसी बुरे सपने से कम नहीं है. यही देखते हुए दुनियाभर के वैज्ञानिक इन्सुलिन की गोली बनाने की तैयारी में थे जो हमारे पेट से सुरक्षित निकलकर छोटी आंत तक जरूरी डोज को पहुंचा देती है. हाल ही फरवरी 2019 में नोवो नोर्डिस्क के वैज्ञानिकों और एमआईटी के इंजीनियरों ने मिलकर ब्लूबेरी के आकार का एक कैप्सूल बनाया जिसमें कम्प्रेस्ड इन्सुलिन की छोटा सा इंजेक्शन होता है.

यहाँ मूल सोच यह थी कि जैसे ही कोई इस कैप्सूल को लेगा, इसका बाहरी हिस्से पेट में जाकर गल जाएगा और इंजेक्शन पेट की अंदरी परत पर इन्सुलिन लगा देगा ताकि वह खून में उचित रूप पहुंच सके. वही इसी टीम ने अक्टूबर 2019 में इन्सुलिन को छोटी आंत तक पहुंचाने का अलग तरीका खोज निकला. इसमें दर्द देने वाले रिसेप्टर्स और कम होंगे ताकि अतिसूक्ष्म इंजेक्शन की चुभन भी महसूस नहीं होती. यह नई कैप्सूल छोटी आंत के अंदर तीन मुड़ी हुई बांह वाले माइक्रो-पैराशूट की तरह खुलती है, जिसमें से हर बांह में इन्सुलिन की 1 एमएम की माइक्रो नीडल होती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके खुलने की शक्ति ही इतनी होती है कि माइक्रो नीडल्स आंत की सबसे ऊपरी परत तक घुस जाती हैं. एक बार घुसने के बाद इंजेक्शन घुलकर इन्सुलिन दे देता हैं. वैज्ञानिकों का ऐसा कहना है कि कैप्सूल का बचा हिस्सा मल के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है और इससे बड़ी आंत या पाचन तंत्र को कोई नुकसान नहीं होता है.

दो शीर्ष रिसर्चरों में से एक अलेक्स अब्रामसन के अनुसार, ‘‘हमने जानवरों और इंसानों के टिश्यूज पर कई सुरक्षा का परीक्षण किया जाता हैं और पाया कि ड्रग की डिलीवरी बिना किसी नुकसान के पूरी हो.’’ दूसरे प्रमुख रिसर्चर हैं ईस्टर केफेरेल-साल्वेडोर. इसी दौरान रिसर्च की फंडिंग नोवो नोर्डिस्क और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ, अमेरिका द्वारा की गई. नई खोज 7 अक्टूबर 2019 को प्रतिष्ठित जर्नल नेचर मेडिसीन में प्रकाशित हो चुकी है. वही नई खोज फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल के चरण से गुजर चुकी है, लेकिन इससे दुनियाभर के मधुमेह रोगियों को नई उम्मीद बनी है.

औषधियों गुणों से भरपूर है कलौंजी, जानिए तीन बड़े फायदे

इन चीज़ो के खाने से करे तौबा वेट घटाने में मिलेगी मदद

माइक्रोवेव के ज्यादा इस्तेमाल से पहले रखे इन बातो का ध्यान, हो सकता है परिवार के स्वस्थ का नुक्सान

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -