हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। जी हाँ और इसी के अगले दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम स्वरूप और माता तुलसी का विवाह करवाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं। आपको बता दें कि इस बार देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह की तारीखों को लेकर लोगों में बड़ा कन्फ्यूजन है। तो अब हम आपको बताते हैं कि इसकी तिथियां क्या हैं?
हाथों में शुभ होता है इन निशान का होना, मिलता है राजयोग
कब है देवउठनी एकादशी?- देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। जी हाँ और इस बार कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि गुरुवार, 03 नवंबर को शाम 07 बजकर 30 मिनट से लेकर शुक्रवार, 04 नवंबर को शाम 06 बजकर 08 मिनट तक रहेगी। ऐसे में देवउठनी एकादशी 04 नवंबर को मनाई जाएगी।
देवउठनी एकादशी का पारण- अगर आपने देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखा है तो 05 नवंबर दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 47 मिनट तक व्रत का पारण कर सकते हैं।
इस समय भूल से भी ना करें पूजा वरना होगा बड़ा पाप!
कब है तुलसी विवाह?- तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि शनिवार, 05 नवंबर को शाम 06 बजकर 08 मिनट से आरंभ होगी और रविवार, 06 नवंबर को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर इसका समापन होगा। जी हाँ और इसी के चलते तुलसी विवाह 05 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन लोग अपने घर में तुलसी विवाह कर सकेंगे।
कब है देवउठनी एकादशी? जानिए शुभ मुहूर्त